दो दिनों तक बादल छाए रहेंगे और बूंदाबांदी के नजर आ रहे आसार Prayagraj News
आसमान पर बादलों ने डेरा जमाया है और अभी तक सूर्यदेव का दीदार नहीं हुआ। गलन से जिंदगी सहम गई है। रविवार की छुट्टी होने से लोग घरों में दुबके रहे। सड़कों पर आवाजाही भी कम है।
प्रयागराज, जेएनएन। पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी का असर एक बार फिर मैदानी क्षेत्रों में दिखाई दिया। रविवार को मौसम के अचानक करवट बदल लेने से गलन और बढ़ गई। दिन भर आसमान में बादलों के छाए रहने, धुंध होने और सर्द हवा से लोग कांप उठे। रविवार को छुट्टी होने से ज्यादातर लोग घरों में दुबके रहे। इससे सड़कों पर आवाजाही भी कम रही। वहीं, कंपकंपी भगाने के लिए जगह-जगह लोग अलाव तापते रहे। शाम होते ही घने कोहरे के आसार भी हैं। एक-दो दिनों तक बादलों के छाए रहने और बूंदाबांदी का भी अनुमान है।
15-20 किमी की रफ्तार से चली सर्द हवा ने कंपकंपाया
शुक्रवार को बारिश होने के बाद दिनभर बादलों का डेरा रहा। शनिवार को बादल छट गए थे लेकिन सुबह अचानक कोहरा बढ़ जाने से गलन भी तेज हो गई थी। हालांकि, दोपहर में हल्की धूप होने के बाद ठंड से लोगों को काफी राहत मिल गई थी। वहीं रविवार को मौसम ने फिर करवट ले ली और सुबह से ही आसमान में बादलों ने डेरा जमा लिया। कोहरा घना होने के कारण ठंड भी बढ़ गई। दिन में धूप न निकलने और करीब 15-20 किमी की रफ्तार से चली सर्द हवा से जिंदगी सहम गई। ठंड से बचने के लिए लोग घरों से बाहर निकलना उचित नहीं समझा। रजाई, कंबल और अलाव छोड़कर वही घर से बाहर निकले, जिन्हें बहुत जरूरी काम था। इससे सड़कों पर भी आवाजाही कम रही। ज्यादातर बाजार बंद होने के कारण सन्नाटे में रहे।
शीतलहर से कांप रहे कल्पवासी
मौसम के इस बदले मिजाज से सबसे ज्यादा मुश्किलें संगम की रेती पर एक माह के कल्पवास करने वालों को हुई। शीतलहर से कल्पवासियों की कंपकंपी छूट रही है। शाम होते ही पूरा शहर कोहरे की आगोश में समा जाता है। मौसम विज्ञानियों का अनुमान है कि एक-दो दिनों तक बादल छाए रहेंगे और बूंदाबांदी होगी।