होली के पहले सफाई कर्मियों ने दिखाए तेवर, आज से प्रयागराज शहर में ठप हो गई है सफाई व्यवस्था
11 सूत्रीय मांग पत्र को लेकर नगर निगम सफाई मजदूर यूनियन ने चार मार्च को नगर आयुक्त को सौंपा था। उन्होंने होली त्योहार के पहले कर्मचारियों का वेतन एरियर और बोनस भुगतान की मांग की थी। मांगें पूरी न होने पर सफाई कर्मियों ने धरना-प्रदर्शन भी किया था।
प्रयागराज, जेएनएन। रंगपर्व होली निकट है। घर-घर होली की तैयारी जोरों पर है। घरों में साफ-सफाई भी हो रही है। बाजारों में भी रौनक है। हालांकि अब शहरवासियों को परेशानी झेलनी पड़ेगी। ऐसा इसलिए कि मांगें पूरी न होने पर नगर निगम के सफाई कर्मियों ने हड़ताल की घोषणा कर दी है। हड़ताल के दौरान प्रयागराज शहर में रविवार यानी आज से न झाड़ू लगेगी और न सड़कों व गलियों से कूड़ा उठेगा। त्योहारी मौसम में गंदगी से शहर बजबजा उठेगा।
इसलिए सफाई कर्मियों ने हड़ताल का लिया निर्णय
11 सूत्रीय मांग पत्र को लेकर नगर निगम सफाई मजदूर यूनियन ने चार मार्च को नगर आयुक्त को सौंपा था। उन्होंने होली त्योहार के पहले कर्मचारियों का वेतन, एरियर और बोनस भुगतान की मांग की थी। मांगें पूरी न होने पर दो दिन से सफाई कर्मियों ने धरना-प्रदर्शन भी किया था। यहां तक कि शुक्रवार को मामले में अंतिम चेतावनी दी गई थी।
कार्य बहिष्कार करके नगर निगम में सभा करेंगे सफाई कर्मी
जब मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलनरत सफाई कर्मियों ने शनिवार को आमसभा में हड़ताल की घोषणा कर दी। यूनियन के पदाधिकारियों के अनुसार निगम प्रशासन ने आनन-फानन में वार्ता की। हालांकि कई मसले पर बात नहीं की गई। यूनियन अध्यक्ष प्रदीप का कहना है कि रविवार को सभी कर्मचारी कार्य बहिष्कार कर निगम में आम सभा करेंगे। कहा कि मांगें पूरी होने तक हड़ताल जारी रहेगी। वार्ता में नगर आयुक्त रवि रंजन, पर्यावरण अभियंता उत्तम कुमार वर्मा समेत अन्य अधिकारी शामिल थे।
बोले, पर्यावरण अभियंता
पर्यावरण अभियंता का कहना है कि संविदा और आउटसोर्सिंग कर्मियों का वेतन होली से पहले भुगतान को छोड़कर ज्यादातर मांगें मान ली गई हैं। नगर आयुक्त ने कहा कि इस मसले पर शासन के आदेश के बाद ही निर्णय लिया जा सकेगा, क्योंकि वित्तीय मामला है। उन्हें हड़ताल की जानकारी ही नहीं है।
ये हैं प्रमुख मांगें
-संविदा सफाईकर्मियों की ईपीएफ कटौती सुनिश्चित की जाए और रिटायरमेंट से खाली पदों पर उन्हें नियमित किया जाए।
-आउटसोॢसंग सफाईकर्मियों का बकाया वेतन भुगतान किया जाए और उनकी ईपीएफ कटौती की राशि उनके खाते में डाली जाए।
-शहर की बढ़ती आबादी को देखते हुए सफाईकर्मियों की संख्या बढ़ाई जाए।
-समस्त कर्मचारियों को वर्दी उपलब्ध कराई जाए।
-सभी कर्मचारियों के वेतन से 10 रुपए प्रतिमाह की कटौती की जाए, ताकि किसी कर्मचारी की मौत होने पर उनके स्वजनों को भुगतान किया जा सके।
-मृतक आश्रितों की अविलंब रिक्त पदों पर नियुक्ति की जाए। -----