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'द वाइस ऑफ प्रयागराज' में सजी उदित नारायण व मीका के गीतों की महफिल Prayagraj News

केपी कॉलेज में द वाइस ऑफ प्रयागराज ग्रेंड फेनामेना सांस्‍कृतिक कार्यक्रम में संगीत प्रेमियों की देर रात तक भीड़ रही। पार्श्वगायक उदित नारायण व मीका के गीतों ने प्रभावित किया।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 16 Jun 2019 11:08 AM (IST)Updated: Sun, 16 Jun 2019 11:20 AM (IST)
'द वाइस ऑफ प्रयागराज' में सजी उदित नारायण व मीका के गीतों की महफिल Prayagraj News
'द वाइस ऑफ प्रयागराज' में सजी उदित नारायण व मीका के गीतों की महफिल Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। दिन भर की तमतमाई गर्मी से परेशान शहर वासियों को रात चली पुरवइया के बीच गीत, गजलों और चुटकीली कविताओं ने राहत दी। केपी इंटर कॉलेज के मैदान में रंगीन कलात्मक रोशनी से नहाते विशाल मंच पर हिंदी फिल्मों के सुप्रसिद्ध पाश्र्व गायक पद्म भूषण उदित नारायण थे। वहीं दूसरी ओर युवा दिलों पर राज करने वाले मीका सिंह के गायन तथा मशहूर कवि कुमार विश्वास की कविताओं ने दर्शकों का मन मोह लिया। आयोजन था प्रबल इवेंट आर्गेनाइजर्स की ओर आयोजित सिंगिंग आइडल 2019 के तहत 'द वाइस ऑफ प्रयागराज' के ग्रैंड फिनाले का। 

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पापा कहते हैं...और दमादम मस्त कलंदर पर झूम उठे श्रोता

पाश्र्व गायक उदित नारायण ने 'पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा' गीत गाते हुए मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने 'तेरे नाम हमने किया है जीवन अपना सारा सनम' तथा 'जादू तेरी नजर खुशबू तेरा बदन' के साथ गीतों का सिलसिला पेश किया। मशहूर गायक मीका सिंह ने मंच पर आते ही 'दमादम मस्त कलंदर' और 'गंदी बात-गंदी बात' गाकर दर्शकों में धूम मचा दी। कार्यक्रम के दौरान वॉइस ऑफ प्रयागराज के प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया। 

'ये दिल बर्बाद करके इसमें क्यों आबाद रहते हो, पर बजी तालियां

इसके पूर्व लाफ्टर चैनल से उभरे हास्य कलाकार व उद्घोषक अशोक मिश्रा तथा रेशम भल्ला ने मंच संचालन शुरू किया। हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति आरएस मौर्या ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम की शुरुआत की। अशोक मिश्रा ने 'प्यारे प्रयागराज वासियों' कहकर दर्शकों में जोश भरा। इसके बाद कवि कुमार विश्वास ने 'ये दिल बर्बाद करके इसमें क्यों आबाद रहते हो-कोई कल कह रहा था तुम इलाहाबाद रहते हो, ये कैसी शोहरतें मुझको अता कर दीं मौला-मैं सब कुछ भूल जाता हूं मगर तुम याद रहते हो' सुनाकर युवाओं को अपनी ओर आकर्षित किया। उन्होंने अपनी मशहूर कविताएं 'किसी के दिल की मायूसी जहां से होके गुजरी है', 'मैं अपने गीत गजलों से उसे पैगाम करता हूं', 'कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है' आदि सुनाकर लोगों का खूब मनोरंजन किया। 

 

मंच के समीप लगा फ्रेम गिरने से टला हादसा

कार्यक्रम की शुरुआत होने भी नहीं पाई थी कि मंच के ठीक बगल में एक बड़ा हादसा होते-होते बच गया। तेज हवा के झोके से मंच के दाहिनी ओर लगा लोहे का विशाल फ्रेम भरभराकर गिर गया। इससे अफरा तफरी मच गई। गनीमत रही कि यह फ्रेम दर्शकों के विपरीत दिशा में गिरा। जिससे एक बड़ा हादसा टल गया।

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