चंद्रयान-2 को लेकर शहर मायूस फिर भी उम्मीद अभी कायम Prayagraj News
घर बाजार दफ्तर और चाय-पान की दुकानों में भी बस चंद्रयान-2 को लेकर चर्चा होती रही। शहर के लोगों में अभी उम्मीद कायम है। सोशल मीडिया पर भी इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी गई।
प्रयागराज, जेएनएन। क्या हुआ, तुम्हारी आंख क्यों लाल है। जवाब मिला-रात में चंद्रयान-2 मिशन को लाइव देखने के चक्कर में सो नहीं पाया था। दोस्तों के साथ कमरे पर ही देख रहा था। हम चांद पर पहुंच ही रहे थे कि... अचानक लैंडर विक्रम का भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) से संपर्क टूट गया। दूसरे ने कहा अरे यार... इसमें इतना परेशान होने की क्या बात है। संपर्क ही टूटा है न। हमारे देश के महान वैज्ञानिक फिर से संपर्क स्थापित करके मिशन को जरूर कामयाब करेंगे। कटरा चौराहे पर एक किताब की दुकान के बाहर खड़े छात्र कुछ यही बातें कर रहे थे।
चंद्रयान-2 को लेकर शहर में चर्चा होती रही
छात्रों का वार्तालाप सुन रहा दुकानदार अचानक बोल पड़ा। हम जरूर पहुंचेंगे। मोदी की सरकार है और इसरो को फिर से पैसा मिलेगा। इस बार इससे भी बेहतर स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल कर वैज्ञानिक वह कर दिखाएंगे, जिसे देख दुनिया चौंक जाएगी। जी हां, कटरा की तरह ही शहर के अन्य चौराहों पर चाय पान की दुकान, बाजार और सरकारी व निजी कार्यालयों में भी चंद्रयान-2 को लेकर चर्चा होती रही। घरों में लोग यह सोच रहे थे अब क्या होगा तो बाहर लोग अपने-अपने तर्क दे रहे थे।
लोगों ने यहां तक कहा कि साजिशन लैंडर से इसरो का संपर्क तोड़ा गया
एजी ऑफिस चौराहे पर मौजूद कुछ कर्मचारियों का कहना था कि मिशन को नाकाम करने में चीन अथवा अमेरिका का भी हाथ हो सकता है। जो तकनीक का सहारा लेकर लैंडर से इसरो का संपर्क तोड़ सकते हैं। कर्मचारियों की बात सुन पास खड़े एक शख्स ने कहा कि वैज्ञानिक यही पता लगाने के लिए आंकड़ों का विश्लेषण कर रहे हैं। चंद्रयान-2 मिशन की ताजा स्थिति क्या है। यह जानने के लिए उत्सुक तमाम युवा गूगल पर इसरो से जानकारी लेते रहे।
सोशल मीडिया पर भी पोस्ट और प्रतिक्रिया जारी
शहर में चर्चा के साथ ही सोशल मीडिया पर भी चंद्रयान-2 को लेकर लोग पोस्ट और प्रतिक्रिया व्यक्त करते रहे। फेसबुक, ट्विटर समेत जहां लोग इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई देते रहे, वहीं वाट्सएप पर प्रधानमंत्री-वैज्ञानिकों के भावुक क्षण का वीडियो, तस्वीर और कई संदेश घूमते रहे।