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महिला उत्पीड़न के खिलाफ चट्टान बन अड़ जाती हैं कौशांबी की चुन्नी मिश्रा

महिलाओं के ऊपर हो रहे जुल्म के खिलाफ जंग लड़ने की शुरुआत भले ही अकेले शुरू की हो लेकिन जब कई मामलों में उन्हें सफलता मिली तो उन्होंने महिलाओं का संगठन तैयार कर लिया।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Thu, 03 Sep 2020 04:44 PM (IST)Updated: Thu, 03 Sep 2020 04:44 PM (IST)
महिला उत्पीड़न के खिलाफ चट्टान बन अड़ जाती हैं कौशांबी की चुन्नी मिश्रा
महिला उत्पीड़न के खिलाफ चट्टान बन अड़ जाती हैं कौशांबी की चुन्नी मिश्रा

कौशांबी,जेएनएन।  बुंदेलखंड के दस्यु प्रभावित चित्रकूट में जन्मी कौशांबी की बहू चुन्नी मिश्रा महिला उत्पीड़न के खिलाफ चट्टान बनकर अड़ जाती हैं। बचपन से ही जगे इस सपने को आज साकार कर रही हैं। गृहस्थी की जिम्मेदारी होने के बावजूद आधी आबादी को इंसाफ दिलाने का मामला आता है तो वह दर्जनों महिलाओं के साथ अफसरों के सामने डट कर खड़ी नजर आती हैं और न्याय मिलने तक संघर्ष करती हैं।

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स्‍कूल में दाखिले के लिए पिता के आगे जिद पर अड गई

लैंगिक समानता का अधिकार अधिकार प्रदत्त है, लेकिन हर कोई इसके लिए चुन्नी मिश्रा नहीं बन सकता। चित्रकूट जनपद के पहाड़ी थाना क्षेत्र के परसौता गांव में पंडित राधेश्याम की बेटी चुन्नी मिश्रा बहनों में छठवें नंबर की हैं। राधेश्याम पुरोहित थे, नतीजतन घर का वातावरण सात्विक व शांतिपूर्ण था। 1974 में पैदा हुई चुन्नी ने पांच साल की उम्र में जब बच्चों को स्कूल जाते देखा तो उन्होंने भी इच्छा जाहिर की। चूंकि बुंदेलखंड में डाकुओं की दहशत उस समय आए दिन देखने को मिल रही थी, इस पर पिता ने स्कूल भेजने से इन्कार कर दिया।  चुन्नी की जिद के आगे मजबूरन पिता को स्कूल में दाखिला कराना पड़ा।

12 साल की उम्र में एक महिला को पीट रहे पुरुषो से बचाया

कक्षा पांच की पढ़ाई के दौरान 12 साल की हो चुकी चुन्नी ने गांव की एक महिला को पुरुषों से पिटते हुए देखा। बर्दाश्त नहीं हुआ तो चुन्नी ने मोर्चा संभालते हुए महिला की जान बचाई। 16 साल की उम्र में ही कौशांबी के महेवाघाट कठारे गांव में चुन्नी की शादी राजनारायण मिश्र से हो गई। वर्ष 06 में कठारे गांव की ही एक दलित महिला को न्याय दिलाया और घर की चौखट लांघ कर चुन्नी मिश्रा चल पड़ीं शोषण के खिलाफ जंग लड़ने।

गुलाबी सेवा संस्थान नाम से बनाया संगठन

गुलाबी सेवा संस्थान की अध्यक्ष चुन्नी मिश्रा ने महिलाओं के ऊपर हो रहे जुल्म के खिलाफ जंग लड़ने की शुरुआत भले ही अकेले शुरू की हो, लेकिन जब कई मामलों में उन्हें सफलता मिली तो उन्होंने महिलाओं का संगठन तैयार कर लिया। गुलाबी सेवा संस्थान में महिलाओं को जोड़ना शुरू कर दिया। जिले के अलावा कानपुर, फतेहपुर, चित्रकूट, प्रतापगढ़ व प्रयागराज में चुन्नी मिश्रा के संस्थान में तकरीबन 11 हजार से अधिक महिलाएं जुड़ चुकी हैं। इतना ही नहीं, वर्ष 09 में संचालित इस संगठन की महिलाएं गुलाबी रंग की साड़ी पहनती हैं।

इन मामलों में महिलाओं को दिलाया इंसाफ

1- डेढ़ साल पहले फतेहपुर के किशनपुर धाता निवासी रामशिरोमणि के बेटी उर्मिला की शादी मंझनपुर क्षेत्र में हुई थी। शादी के बाद से उसे प्रताड़ित किया जाता रहा। इसके बाद घर से निकाल दिया गया। चुन्नी मिश्रा को जानकारी हुई तो दर्जनों महिलाओं के साथ उन्होंने उच्चाधिकारियों के यहां शिकायत की और उर्मिला को सकुशल उसके घर भेजवाया।

2- साल भर पहे चित्रकूट के राजापुर भदेदू निवासी नत्थू की बेटी सुनीता की शादी कोखराज इलाके में हुई। शादी के बाद से ही ससुरालीजन उसे प्रताड़ित करने लगे। पीड़िता ने चुन्नी मिश्रा से संपर्क किया तो उच्चाधिकारियों तक मामला पहुंचाया गया। बाद में दोनों पक्ष के बीच समझौता हुआ और पति ने सुनीता को कभी न प्रताड़ित करने का वादा करते हुए अपने साथ ले गया।


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