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Dada Saheb Phalke Award : मिलेनियम स्‍टार अमिताभ बच्चन का बचपन प्रयागराज में बीता Prayagraj News

दादा साहब फाल्‍के अवार्ड पाने वाले मिलेनियम स्‍टार अमिताभ बच्‍चन बचपन में ब्वायज हाईस्कूल में शिक्षा ग्रहण की थी। शहर की सड़कों पर साइकिल से घूमते थे। लोगों में खुशी का माहौल है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 25 Sep 2019 10:53 AM (IST)Updated: Wed, 25 Sep 2019 10:53 AM (IST)
Dada Saheb Phalke Award : मिलेनियम स्‍टार अमिताभ बच्चन का बचपन प्रयागराज में बीता Prayagraj News
Dada Saheb Phalke Award : मिलेनियम स्‍टार अमिताभ बच्चन का बचपन प्रयागराज में बीता Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। भारतीय सिने जगत में फिल्म जंजीर से अभिनय की शोहरत पाकर सदी के महानायक बने अमिताभ बच्चन और उनके भाई अजिताभ बच्चन का बचपन इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में बीता था। यहीं जन्म हुआ और प्रारंभिक शिक्षा ब्वायज हाईस्कूल से हुई। अमिताभ को इलाहाबाद इसलिए भी नहीं भूलता कि वह साइकिल से शहर की गलियों और सिविल लाइंस में आया-जाया करते थे।

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अमिताभ के पिता व प्रख्यात कवि हरिवंश राय बच्चन इविवि में प्रवक्ता थे

अमिताभ बच्चन के पिता और सुप्रसिद्ध कवि हरिवंश राय बच्चन कई वर्षों तक इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अंग्रेजी विषय के प्रवक्ता रहे। किराए पर उनका निवास पहले तो शहर के कटघर मोहल्ले में रहा। फिर चक में और उसके बाद सिविल लाइंस के क्लाइव रोड पर हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता पं. श्रीशंकर तिवारी के बंगले में लंबे अरसे तक रहे। जानकारों का कहना है कि 11 अक्टूबर 1942 को यहीं पर अमिताभ बच्चन का जन्म हुआ। अजिताभ बच्चन के साथ ब्वायज हाईस्कूल में अमिताभ बच्चन ने कक्षा सात तक की शिक्षा पाई। पेन और कॉपी किताबें खरीदने के लिए वे अक्सर पैलेस सिनेमा के सामने नागर पेन वाले की दुकान पर जाया करते थे। नागर परिवार से लंबे अरसे तक अमिताभ बच्चन के संपर्क भी रहे।

रेवती रमण बोले, दादा साहब फाल्के पुरस्कार मिलना प्रयागराज का गौरवशाली पल

ब्वायज हाईस्कूल में अमिताभ बच्चन से दो साल सीनियर रहे सपा नेता कुंवर रेवती रमण सिंह बताते हैं कि अमिताभ पढ़ाई में काफी कुशल थे। कभी-कभी स्कूल में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी भाग लिया करते थे। हालांकि दो कक्षा आगे होने के नाते उनका अधिक साथ नहीं रहता था। हां अजिताभ से जरूर स्कूल में कई बार मुलाकात होती थी। कुंवर रेवती रमण सिंह ने भी अमिताभ की कला को सराहा तथा दादा साहब फाल्के पुरस्कार मिलने पर इसे प्रयागराज के लिए गौरवशाली पल बताया।

ङ्क्षहदी का भी मान बढ़ा रहे अमिताभ : व्रतशील शर्मा

पं. देवीदत्त शुक्ल-पं. रमादत्त शुक्ल शोध संस्थान के सचिव व्रतशील शर्मा कहते हैं कि अमिताभ बच्चन ङ्क्षहदी फिल्म जगत के संभवत: अकेले ऐसे अभिनेता हैं जो अपने संवाद शुद्ध देव नागरी लिपि में लिखवाते हैं, उसी के आधार पर अभिनय संवाद की अदायगी करते हैं। नहीं तो ङ्क्षहदी फिल्मों के ही अधिकांश कलाकार अंग्रेजी रूपांतर में लिखे संवादों को पढ़कर अभिनय-संवाद को अंजाम देते हैं। वैसे वह स्वयं भी अंग्रेजी स्कूल में पढ़े लेकिन, शायद इलाहाबादी परिवेश और यशस्वी पिता की छत्र छाया में उनका मन मानस ङ्क्षहदीमय हो गया है। जो प्रसिद्धि के शीर्ष पर पहुंचकर भी उसी ङ्क्षहदी अनुराग के प्रति समर्पित है। इसीलिए वे गंगा किनारे वाले छोरे के रूप में मुंबई की मायानगरी में जाने जाते हैं।

 


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