Allahabad University के तीन छात्र नेताओं पर चीफ प्राक्टर ने कराया मुकदमा, जानिए पूरा मामला
तहरीर में बताया गया है कि कुलपति कार्यालय शांति क्षेत्र घोषित है। आसपास धरना-प्रदर्शन पूर्णत निषेध है। अंतेवासी धरना-प्रदर्शन समाप्त नहीं कर रहे हैं और आक्रोशित होकर दबाव बना रहे हैं। पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के चीफ प्राक्टर प्रोफेसर हर्ष कुमार ने छात्रनेता अजय यादव सम्राट, सत्यम कुशवाहा और आदर्श कुमार भदौरिया समेत एक अज्ञात के खिलाफ कर्नलगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। आरोप है कि इन छात्रों के नेतृत्व में कुलपति कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया जा रहा है। इससे कार्यालयीय कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है।
तहरीर में लगाए गए यह आरोप
चीफ प्राक्टर प्रो. हर्ष कुमार की तरफ से कर्नलगंज पुलिस को दी गई तहरीर के मुताबिक कुलपति कार्यालय के पोर्टिको में अजय यादव सम्राट, सत्यम कुशवाहा और आदर्श कुमार भदौरिया के नेतृत्व में कतिपय छात्रावास के अंतेवासी एकत्रित होकर अंतेवासियों द्वारा छात्रावास का शुल्क समाप्त किए जाने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे कार्यालयीय कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है।
कहा, कुलपति कार्यालय शांति क्षेत्र
तहरीर में बताया गया है कि कुलपति कार्यालय शांति क्षेत्र घोषित है। आसपास धरना-प्रदर्शन पूर्णत: निषेध है। अंतेवासी धरना-प्रदर्शन समाप्त नहीं कर रहे हैं और आक्रोशित होकर दबाव बना रहे हैं। ऐसे में धरना-प्रदर्शन कर रहे छात्रों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विधिक कार्यवाही करने तथा कुलपति कार्यालय से इन छात्रों को हटाने की मांग की गई है।पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
यह है पूरा मामला
कोरानाकाल के दौरान पिछले साल सभी हास्टल खाली करा दिए गए थे। बाद में छात्र इवि प्रशासन से अनुमति लिए बगैर कमरों में रहने लगे। इस संदर्भ में सात जनवरी को कुलपति की अध्यक्षता में डीएसडब्ल्यू के अलावा सभी अधीक्षकों और वार्डेन की बैठक हुई। तय हुआ कि बिना अनुमति हास्टल में रहने वाले छात्रों से फीस की पांच गुना धनराशि जुर्माने के रूप में वसूली जाएगी। साथ ही अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए परीक्षा परिणाम, मार्कशीट एवं संबंधित विषय की डिग्री रोक दी जाएगी। फैसले के विरोध में छात्रों ने कुलपति कार्यालय का घेराव कर दिया। अब छात्र फैसला वापस लेने और हास्टल खोले जाने की मांग पर अड़े हैं।