मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का निर्देश- कोरोना क्लस्टर चिह्नित कर कराएं जियोग्राफिकल मैपिंग
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को टीम-11 के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के अधिक मामले वाले जिलों में विशेष ध्यान दिया जाए। सबसे पहले प्रतिदिन 100 से अधिक मामले वाले जिलों में जियोग्राफिकल मैपिंग कराकर क्लस्टर की पहचान की जाए।
लखनऊ, जेएनएन। कोरोना वायरस के संक्रमण पर लगाम कसने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लगातार रणनीति बनाकर काम कर रही है। अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना क्लस्टर चिह्नित कर वहां जियोग्राफिकल मैपिंग कराने के निर्देश दिए हैं। मकसद ऐसे जिलों में शत-प्रतिशत जांच कराकर संक्रमण का प्रसार रोकना है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को अपने सरकारी आवास पर टीम-11 के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के अधिक मामले वाले जिलों में विशेष ध्यान दिया जाए। सबसे पहले प्रतिदिन 100 से अधिक मामले वाले जिलों में जियोग्राफिकल मैपिंग कराकर क्लस्टर की पहचान की जाए। दूसरे चरण में 50 से अधिक मामले वाले जिलों में यह व्यवस्था लागू की जाए। क्लस्टर में कंटेनमेंट जोन बनाकर संक्रमण को नियंत्रित करने की प्रभावी कार्यवाही की जाए। इन क्लस्टर में प्रत्येक व्यक्ति की मेडिकल टेस्टिंग की होनी चाहिए। उन्होंने कंटेनमेंट जोन में आवश्यक वस्तुओं की होम डिलीवरी बेहतर ढंग से कराने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ और कानपुर नगर के नोडल अधिकारी क्रमश: अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य से स्थिति की जानकारी ली। संक्रमण की रोकथाम के लिए पूरी तेजी से कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों के साथ-साथ अस्पताल में भर्ती रोगियों से भी सीएम हेल्पलाइन से कुशलक्षेम लें। इससे लोगों का मनोबल बढ़ता है और जन विश्वास भी बढ़ता है। योगी ने कोविड-19 के संक्रमण के मामलों में पिछले 17 दिन में 22 हजार एक्टिव केस कम होने पर संतोष व्यक्त किया। इस अवसर पर मुख्य सचिव आरके तिवारी समेत टीम-11 के सभी अधिकारी उपस्थित रहे।
महिलाओं व अनुसूचित जाति-जनजाति के मामलों में रहें संवेदनशील : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस विभाग को बालिकाओं-महिलाओं और अनुसूचित जाति/जनजाति से जुड़े मामलों में पूरी संवेदनशीलता और तत्परता बरतने के निर्देश दिए। कहा कि संवाद के माध्यम से बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान सम्भव है, इसलिए संवाद पर जोर दिया जाना चाहिए।