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जानिए किससे संघर्ष ने दिखाया रंग, कौशांबी का चरवा गांव राम वन गमन पथ से जुड़ा

पहले रामवन गमन पथ श्रंग्‍वेरपुर से कोखराज और यहां से भरवारी होते हुए महेवाघाट और राजापुर से चित्रकूट के लिए प्रस्तावित था। अब श्रंग्‍वेरपुर से चरवा के लिए रामवन गमन पथ प्रस्तावित हो गया है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 19 Sep 2020 08:28 PM (IST)Updated: Sun, 20 Sep 2020 10:05 AM (IST)
जानिए किससे संघर्ष ने दिखाया रंग, कौशांबी का चरवा गांव राम वन गमन पथ से जुड़ा
जानिए किससे संघर्ष ने दिखाया रंग, कौशांबी का चरवा गांव राम वन गमन पथ से जुड़ा

कौशांबी,जेएनएन। केंद्र सरकार की योजना श्रीराम से जुड़े स्थलों को राम वन गमन पथ के माध्यम से जोडऩे की थी। लेकिन कौशांबी में राम वन गमन पथ का रास्ता भटक गया था। 2014 से लगातार इसके लिए पूर्व जिला पंचायत सदस्य रजनीश पांडेय ने संघर्ष किया। इसका परिणाम रहा कि चरवा को राम वन गमन पथ में जोड़ लिया गया। मार्ग बनने के बाद चरक मुनि आश्रम में पर्यटकों का आवागमन होगा और क्षेत्रीय लोगों को रोजगार मिलेगा।

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पहले राम वन गमन पथ से नहीं जुडा था चरवा गांव

किसान नेता व पूर्व जिला पंचायत सदस्य रजनीश पांडेय के प्रयास से कौशांबी के चरवा में रामायण मेला परिसर की स्थापना समेत अन्य कई कार्य हुए। लेकिन केंद्र सरकार के राम वन गमन पथ योजना में चरवा को शामिल नहीं किया गया। चरवा को केंद्र सरकार की इस योजना में शामिल कराने के लिए रजनीश पांडेय ने लंबा संघर्ष किया। उन्होंने बताया कि 2014 में प्रधानमंत्री को पत्र भेजने के साथ ही प्रयास शुरू कर दिया। 2015 में जिला पंचायत से प्रस्ताव पारित कराकर सरकार को भेजा। इसके बाद भी मार्ग में बदलाव नहीं हुआ तो उन्होंने डीएम के माध्यम से एक पत्र शासन को भेजा, लेकिन राम वन गमन पथ में परिवर्तन होता नहीं दिखा।

 हाईकोर्ट तक गए पूर्व जिला पंचायत सदस्‍य रजनीश पांडेय

वह बार-बार श्रंग्‍वेरपुर से गंगा नदी पार करने के बाद श्रीराम द्वारा पहली रात चरवा में विश्राम करने का हवाला दे रहे थे, लेकिन उनके प्रयास का कोई नतीजा नहीं निकला। इस पर राजनीश पांडेय ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की। 25 अक्टूबर 2016 को न्यायालय ने रजनीश को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को पत्र देने की बात कही। कोर्ट के आर्डर के साथ विभाग को पत्र दिया। उनके पत्र का राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने संज्ञान लिया। 22 नवंबर 2016 को मुख्य अभियंता सड़क परिवहन व राज्य मंत्रालय को इस संबंध में पत्र भी दिया। शनिवार को मंझनपुर में रजनीश पांडेय ने पूरे प्रकरण से जुड़ी बातें व साक्ष्य मीडिया के सामने रखा। उन्होंने कहा कि पहले रामवन गमन पथ श्रंग्‍वेरपुर से कोखराज और यहां से भरवारी होते हुए महेवाघाट और राजापुर से चित्रकूट के लिए प्रस्तावित था। उन्होंने समय से प्रयास किया और अब श्रंग्‍वेरपुर से चरवा के लिए रामवन गमन पथ प्रस्तावित हो गया है। जो चरवा के बाद गेरसा भरवारी होते हुए महेवाघाट और चित्रकूट के लिए जाएगा। कहा कि इस मार्ग से कौशांबी में रोजगार के रास्ते खुलेंगे और पर्यटन का विकास होगा।


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