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चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ने पेशेवर नैतिकता पर की चर्चा, दी सलाह Prayagraj News

संगोष्ठी में दिल्ली कोलकाता सहित अन्य राज्यों के सीए ने प्रतिभाग किया। उदियन की आचार संहिता को महत्वपूर्ण बताया। आयोजन सीए इंस्टीट्यूट की प्रयागराज शाखा की ओर से था।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 14 Jul 2019 11:52 AM (IST)Updated: Sun, 14 Jul 2019 11:52 AM (IST)
चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ने पेशेवर नैतिकता पर की चर्चा, दी सलाह Prayagraj News
चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ने पेशेवर नैतिकता पर की चर्चा, दी सलाह Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। सीए इंस्टीट्यूट की प्रयागराज शाखा ने सिविल लाइंस स्थित एक होटल में पेशेवर नैतिकता और आयकर पर संगोष्ठी की। इसमें देश के कई शहरों से आए चार्टर्ड एकाउंटेंट ने भाग लिया। संगोष्ठी में यूडीआइएएन (उदियन) पर विशेष रूप से चर्चा हुई। इसके अलावा आइसीएआइ (इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया) की आचार संहिता पर अहम चर्चा हुई। विशेषज्ञ सीए तथा नैतिक मानक समिति आइसीएआइ के चेयरमैन रणजीत कुमार अग्रवाल और दिल्ली से आए सीए विपिन गर्ग ने सभी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की।

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उदियन की आचार संहिता के बारे में बताया

विशेष सत्र में मुख्य अतिथि मध्य भारत क्षेत्रीय परिषद के अध्यक्ष सीए मुकेश बंसल ने उदियन की आचार संहिता के बारे में बताया। कहा कि एक जुलाई 2019 से लागू इस व्यवस्था में सीए को अपने किसी ग्राहक को प्रमाणपत्र देने से पहले उदियन के तहत ऑनलाइन यूनिक नंबर जेनरेट करना होगा। यह 18 अंकों का ऐसा नंबर है जिसके जरिए सीए से मिलने वाले प्रमाणपत्र की असलियत का ऑनलाइन पता लगाया जा सकता है।  

अब जीएसटी ऑडिटर जीएसटी रिटर्न दाखिल कर सकते हैं 

पहले सत्र में सीए रणजीत कुमार अग्रवाल ने उदियन तथा आचार संहिता के बारे में बताया कि पहले हम आचार संहिता 2009 का अनुसरण कर रहे थे, लेकिन अब एक अप्रैल 2020 से नई आचार संहिता 2019 का पालन किया जाएगा। कहा कि अब जीएसटी ऑडिटर जीएसटी रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। सीए निश्चित दिशा निर्देश के अधीन कारपोरेट फार्म में काम कर सकते हैं। कहा कि अब हर चार्टर्ड एकाउंटेंट को केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) प्रारूप पर फाइल रखने की आवश्यकता होगी। बेनामी संपत्ति के बिंदु पर चर्चा करते हुए कहा कि बेनामी का शाब्दिक अर्थ है बिना नाम के। कानूनी या एक काल्पनिक मालिक के बिना जो संपत्ति होती है उसे बेनामी संपत्ति कहा जाता है। उन्होंने बेनामी संपत्ति, इसके उपयोग और लेनदेन पर विस्तार से चर्चा की।

आयकर रिटर्न में परिवर्तन के व्यावहारिक पहलू की जानकारी दी 

दूसरे सत्र में सीए विपिन गर्ग ने बेनामी कानून और वित्त विधेयक 2019 का विश्लेषण-प्रत्यक्ष कर में आयकर रिटर्न में परिवर्तन के व्यावहारिक पहलू की जानकारी दी। उपाध्यक्ष सीए दिव्या चंद्रा ने संचालन किया। सीए अतुल अग्रवाल, अभिषेक पांडेय समेत विभिन्न जिलों से आए चार्टर्ड एकाउंटेंट ने भी संबोधित किया। 


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