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MP MLA COURT में पूर्व सपा विधायक विजमा यादव समेत 14 अभियुक्तों पर आरोप तय

आरोप है कि 21 सितंबर 2000 को दोपहर में सहसों चौकी के सामने श्याम बाबू के सात वर्षीय पुत्र आनंद उर्फ छोटू की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। उसके शव को सड़क पर रखकर ईंट और बल्ली लगाकर नाजायज तरीके से रास्ता बाधित करते हुए बलवा किया।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Mon, 08 Nov 2021 07:38 PM (IST)Updated: Tue, 09 Nov 2021 09:35 AM (IST)
MP MLA COURT में पूर्व सपा विधायक विजमा यादव समेत 14 अभियुक्तों पर आरोप तय
विजमा और समर्थकों के खिलाफ 21 साल पहले सरायइनायत थाने में लिखा गया था केस

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। समाजवादी पार्टी की पूर्व विधायक विजमा यादव सहित 14 अभियुक्तों पर 21 साल बाद एमपी एमएलए कोर्ट आरोप तय किया गया। आरोपों को पढ़कर सुनाए जाने के बाद आरोपितों ने इन्कार किया और मामले का परीक्षण कराए जाने की मांग की। एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश आलोक कुमार श्रीवास्तव ने पत्रावली पर उपलब्ध कागजातों का अवलोकन करने के बाद एडीजीसी राजेश गुप्ता एवं विशेष लोक अभियोजक वीरेंद्र कुमार सिंह के तर्कों को सुनकर आरोप तय किया। सरायइनायत थाने में 21 साल पहले सभी के विरुद्ध पुलिस पर हमला, बलवा व सड़क जाम करने का मुकदमा लिखा गया था।

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पुलिस पर हमला, बलवा और सड़क जाम करने का आरोप

पूर्व विधायक विजमा यादव, शिवदास, विनोद, पवन , शिवप्रताप, अभय राज, चंद्रप्रकाश, अशोक पाल, दुर्गेश सिंह, राजू सिंह, जगन्नाथ, श्याम बाबू, हरीलाल व जंग बहादुर के विरुद्ध आरोप तय किया है कि 21 सितंबर 2000 को दोपहर ढाई बजे सहसों पुलिस चौकी के सामने श्याम बाबू के सात वर्षीय पुत्र आनंद उर्फ छोटू की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। उसके शव को सड़क पर रखकर ईंट और बल्ली लगाकर नाजायज तरीके से रास्ता बाधित करते हुए बलवा किया। ये सभी लोग घातक असलहों से लैस थे। थाना प्रभारी सरायइनायत कृपाशंकर दीक्षित व अन्य पुलिस अधिकारियों को जान से मारने की नीयत से ईंट और पत्थर फेंके गए। जाम लगाकर सड़क पर अवरोध उत्पन्न किया, जिससे आवाजाही ठप हो गई थी। आम आदमी के जीवन को संकट में डाल दिया गया।

अफरातफरी का आलम हो गया था वहां

इस दौरान पुलिसकर्मियों को अपना कर्तव्य निर्वहन करने से रोकने के लिए भय पहुंचाया गया। उनको चोटें भी पहुंचाई गई और लोकशांति भंग करने के आशय से अपमानित किया। सरकारी कर्मचारियों, पुलिसकर्मियों को जान से मारने की धमकी दी और सड़क पर खड़े वाहनों को क्षतिग्रस्त किया गया। लोकसेवक के आदेश की अवहेलना की, जिससे वहां पर अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया। लोकसंपत्ति को नुकसान पहुंचाकर भय का माहौल पैदा किया गया।


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