सैर के लिए शहरियों की पहली पसंद है चंद्रशेखर आजाद पार्क Prayagraj News
चंद्रशेखर आजाद पार्क सुबह शाम सैर करने वालों की पहली पसंद है। दोनों वक्त यहां टहलने वालों की भारी भीड़ होती है। लोग दूर-दूर से कार या अन्य साधनों से यहां आते हैं और पार्क में बने जागिंग टै्रक पर टहलने और योग आदि करने के बाद घर लौटते हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। शहर के दिल में यानी बीचोबीच आबाद है चंद्रशेखर आजाद पार्क। 133 एकड़ जमीन पर आबाद इस पार्क को अल्फ्रेड पार्क व कंपनीबाग के नाम से भी जाना जाता है। शहर के इस सबसे बड़े पार्क का निर्माण 1870 में हुआ था जब प्रिंस अल्फ्रेड प्रयागराज आए थे। अब इस पार्क को चंद्रशेखर आजाद पार्क के नाम से जानते हैं। यहां पर चंद्रशेखर आजाद की एक प्रतिमा भी स्थापित है।
अमर शहीद आजाद के नाम पर किया गया नामकरण
देश की आजादी की लड़ाई के दौरान 1931 में क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद की इसी पार्क में अंग्रेज सिपाहियों से मुठभेड़ हुई थी। कहते हैं कि उनकी पिस्तौल में जब गोली खत्म हो गई तो उन्होंने अंग्रेज सिपाहियों की गोली से मरने से बेहतर खुद ही मौत को गले लगाने का फैसला किया और अपनी ही पिस्तौल से खुद को गोली मार ली थी। जिसके चलते बाद में अल्फ्रेड पार्क का नाम बदलकर अमर शहीद के नाम पर चंद्रशेखर आजाद पार्क कर दिया गया।
चारो तरफ हरियाली के बीच कई निर्माण भी हैं पार्क में
चंद्रशेखर आजाद पार्क में हरियाली के बीच कई ऐतिहासिक भवन और निर्माण भी हैं जिसमें विक्टोरिया मेमोरियल से लेकर स्टेडियम, म्यूजियम, पुस्तकालय आदि बने हैं। विक्टोरिया मेमोरियल का निर्माण उस वक्त इंग्लैंड की महारानी रहीं विक्टोरिया को समर्पित था। काफी ऊंची छतरीनुमा इस निर्माण में इटली के लाइम स्टोन का प्रयोग किया गया है जिसमें नीचे महारानी विक्टोरिया की बड़ी सी प्रतिमा स्थापित की गई थी। इस स्मारक को 24 मार्च 1906 में जेम्स डिगास लॉ टच द्वारा लोगों के देखने के लिए खोला गया था। देश आजाद होने के बाद विरोध होने पर बाद में विक्टोरिया की प्रतिमा को वहां से हटा दिया गया लेकिन निर्माण अभी उसी तरह कायम है जिसे देखने लोग आज भी वहां जाते हैं।
लोगों को आकर्षित करते हैं आम, आंवला और फूलों के बाग
यहां आने वालों को पार्क के बीच के हिस्से में लगाए गए विभिन्न किस्मों के फूल और पार्क के पूर्वी, दक्षिणी हिस्से में आम, आंवला और अन्य फलों के बाग लोगों को आकर्षित करते हैं। यहां से लोग फलादि खरीदकर ले भी जाते हैं। कुछ समय पूर्व पार्क के पश्चिमी कोने पर तालाब भी बनवाया गया था जिसमें बोटिंग आदि की व्यवस्था थी लेकिन रखरखाव के अभाव में तालाब सूख चुका है।
सुबह-शाम यहां पर सैर करने वालों की होती है भारी भीड़
शहर के बीचोबीच और हराभरा होने के कारण चंद्रशेखर आजाद पार्क सुबह शाम सैर करने वालों की पहली पसंद है। दोनों वक्त यहां टहलने वालों की भारी भीड़ होती है। लोग दूर-दूर से कार या अन्य साधनों से यहां आते हैं और पार्क में बनाए गए जागिंग टै्रक पर टहलने और योग आदि करने के बाद घर लौटते हैं। उद्यान निरीक्षक अरविंद मिश्रा कहते हैं कि हरियाली के बीच सैर का फायदा मिलता है। इससे सेहत भी ठीक रहती है और मन प्रफुल्लित होता है। कहा कि पार्क में समय-समय पर प्रयागराज विकास प्राधिकरण द्वारा रखरखाव का काम कराया जाता है।