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Chandra Grahan 2021: वर्ष का पहला पूर्ण चंद्र ग्रहण आज, यह खगोलीय घटना इन स्‍थानों पर नहीं दिखेगी

Chandra Grahan 2021 वर्ष का पहला पूर्ण चंद्र ग्रहण आज है। हालांकि प्रयागराज में इस खगोलीय घटना को नहीं देखा जा सकेगा। इससे लोगाें में निराशा का भाव भी है। जवाहर तारामंडल के निदेशक ने बताया कि उत्तर प्रदेश में कहीं भी इस ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 26 May 2021 12:45 PM (IST)Updated: Wed, 26 May 2021 12:50 PM (IST)
Chandra Grahan 2021: वर्ष का पहला पूर्ण चंद्र ग्रहण आज, यह खगोलीय घटना इन स्‍थानों पर नहीं दिखेगी
प्रयागराज में चंद्र ग्रहण को आज नहीं देखा जा सकेगा। इससे यहां के खगोलप्रेमियों को निराशा हुई है।

प्रयागराज, जेएनएन। वर्ष 2021 का पहला पूर्ण चंद्र ग्रहण आज लग रहा है। हालांकि इसे सिर्फ उत्तर पूर्वी भारत में ही देखा जा सकेगा। खगोल घटनाओं में रुचि रखने वाले प्रयागराज जनपद के ही नहीं प्रदेश के कई इलाकों के लोग भी इसे नहीं देख सकेंगे। क्योंकि प्रयागराज में चंद्रमा का उदय शाम 6:49 बजे होगा। यह ग्रहण अपराह्न 3:15 बजे से शुरू होगा और शाम 6:23 बजे तक रहेगा।

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जवाहर तारामंडल की एजुकेटर बोलीं- सुपर मून चंद्र ग्रहण होगा

प्रयागराज में जवाहर तारामंडल की एजुकेटर सुरूर फातिमा ने बताया कि पृथ्वी के चारों ओर चंद्रमा की कक्षा पूरी तरह से गोलाकार नहीं है। इसका स्वरूप दीर्घ वृत्ताकार है। चंद्रमा, पृथ्वी के चारों ओर घूमता है और पृथ्वी से इसकी दूरी बदलती रहती है। इस ग्रहण के समय, चंद्रमा अपनी औसत दूरी से लगभग 27000 किलोमीटर पर होने की वजह से बड़ा दिखाई देगा। यही वजह है कि इसे सुपर मून और ग्रहण को सुपर मून चंद्र ग्रहण कहा जा रहा है।

जवाहर तारामंडल के निदेशक ने कहा- अगला चंद्रग्रहण 8 नवंबर 2022 को होगा

जवाहर तारामंडल के निदेशक डॉ. वाई रवि किरन ने बताया कि उत्तर प्रदेश में कहीं भी इस ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा। उन्‍होंने बताया कि अगला चंद्रग्रहण 8 नवंबर 2022 को होगा।

जानें, कब होता है चंद्र ग्रहण

डॉ. वाई रवि किरन ने बताया कि जब पूथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच में आ जाती है, और जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया से निकलता है तो चंद्र ग्रहण होता है। जब पृथ्वी सूर्य की किरणों को पूरी तरह से रोक लेती है तो उसे पूर्ण चंद्र ग्रहण कहते हैं। इसी तरह जब चंद्रमा का सिर्फ एक भाग छिपता है तो उसे आंशिक चंद्र ग्रहण कहा जाता है। चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा की रात में होता है। एक वर्ष में अधिकतम तीन बार पृथ्वी की उपछाया से चंद्रमा गुजरता है। तभी ग्रहण लगता है।


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