सूबे के विश्वविद्यालयों में अब कुलपति करेंगे कर्मियों की भर्ती
शासन ने कुलपति के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने का निर्णय लिया है। प्रदेशभर के विश्वविद्यालयों में अब कुलपति कर्मियों की भर्ती कर सकेंगे। प्रदेश में स्थापित राज्य विश्वविद्यालयों में अब तक उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के जरिए शिक्षकों की भर्ती होती थी। जल्द नोटिफिकेशन जारी होगा। यह बात उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने शुक्रवार को प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षा समारोह में बतौर विशिष्ट अतिथि कहीं।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज : शासन ने कुलपति के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने का निर्णय लिया है। प्रदेशभर के विश्वविद्यालयों में अब कुलपति कर्मियों की भर्ती कर सकेंगे। प्रदेश में स्थापित राज्य विश्वविद्यालयों में अब तक उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के जरिए शिक्षकों की भर्ती होती थी। जल्द नोटिफिकेशन जारी होगा। यह बात उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने शुक्रवार को प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षा समारोह में बतौर विशिष्ट अतिथि कहीं।
वर्ष 2025 तक का लक्ष्य निर्धारित करके प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय और उससे संबद्ध कॉलेजों में इनोवेशन हब, डिजिटल लाइब्रेरी, वर्चुअल लैब और एकेडमिक डाटा बैंक स्थापित करने को कहा। दिव्यांगजन विभाग की मदद से दिव्यांगों के लिए भी अनूठे लैब की स्थापना की बात कही। डिप्टी सीएम ने कहा कि जल्द ही प्रदेश में नए शिक्षा सेवा आयोग का गठन किया जाएगा। फिर इसमें बेसिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा आयोग का विलय किया जाएगा। जब तक नए आयोग का गठन नहीं होता तब तक भर्ती संस्थाएं अपना काम करती रहेंगी। पदकवीरों को शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि दीक्षा समारोह विद्यार्थी जीवन का महत्वपूर्ण पड़ाव होता है। सभी को अपनी उपलब्धियों पर गर्व होगा। हालांकि, जिंदगी में जो भी उपलब्धि प्राप्त कर रहे हैं, उसके साथ नैतिकता, ईमानदारी, करुणा और दया जैसे गुणों को भी अपनाना होगा। इसी के बदौलत आप सब सर्वगुण संपन्न जनशक्ति बनकर प्रदेश और देश के लिए महत्वपूर्ण योगदान कर सकेंगे। परिसर में बहेगी ज्ञान की त्रिवेणी
डिप्टी सीएम ने कहा किसी भी विश्वविद्यालय की वास्तविकता क्षमता की पहचान वहां की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और उससे प्राप्त कर निकले संस्कारवान छात्र-छात्राओं से होती है। उम्मीद करते हैं कि यह विश्वविद्यालय ज्ञान-विज्ञान एवं अनुसंधान के क्षेत्र में अपना परचम लहराएगा। विश्व पटल पर इसकी पहचान कुछ इस तरह बने कि जिस तरह से प्रयागराज में त्रिवेणी का यह अनुपम और अनोखा संगम है। ठीक उसी तरह से परिसर में ज्ञान की त्रिवेणी बहेगी, ऐसा मेरा विश्वास है।