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रजिस्ट्रेशन अभियान शुरू, प्रयागराज में व्यापारियों के 1.25 पंजीकरण के लक्ष्य को प्राप्त करना चुनौती है

वाणिज्‍य कर विभाग के अफसरों का मानना है कि जीएसटी में पंजीयन सैचुरेशन की अवस्था में है इसलिए इसमें बढ़ोतरी की बहुत ज्यादा गुंजाइश नहीं है। पंजीयन बढ़ाने के लिए कैंप गोष्ठियां आदि आयोजित की जाएंगी और पंजीयन के फायदे के बारे में व्यापारियों को जानकारी भी दी जाएगी।

By Brijesh Kumar SrivastavaEdited By: Published: Sat, 16 Jan 2021 08:32 AM (IST)Updated: Sat, 16 Jan 2021 08:32 AM (IST)
रजिस्ट्रेशन अभियान शुरू, प्रयागराज में व्यापारियों के 1.25 पंजीकरण के लक्ष्य को प्राप्त करना चुनौती है
व्‍यापारियों के पंजीकरण बढ़ाने के लिए रजिस्‍ट्रेशन की शुरूआत की गई है।

प्रयागराज, जेएनएन। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर व्यापारियों का पंजीयन बढ़ाने के लिए रजिस्ट्रेशन अभियान शुरू किया गया है‌। प्रयागराज जोन को भी सवा लाख पंजीयन बढ़ाने का लक्ष्य दिया गया है। हालांकि इस टारगेट को हासिल कर पाना वाणिज्य कर विभाग के अधिकारियों के लिए बहुत ही मुश्किल काम है।

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अफसरों का मानना है कि जीएसटी में पंजीयन सैचुरेशन की अवस्था में पहुंच चुका है इसलिए इसमें बढ़ोतरी की बहुत ज्यादा गुंजाइश नहीं है। फिर भी पंजीयन बढ़ाने के लिए कैंप, गोष्ठियां आदि आयोजित की जाएंगी और पंजीयन के फायदे के बारे में व्यापारियों को जानकारी भी दी जाएगी।

वाणिज्य कर विभाग में हेल्प डेस्क बनाई गई है

प्रयागराज जोन में करीब 75000 व्यापारियों के पंजीयन हुए हैं। इसमें लगभग 40000 वाणिज्य कर विभाग और 35000 सीजीएसटी विभाग के अधीन हैं। 7 जनवरी से सरकार ने पंजीयन बढ़ाने के लिए अभियान शुरू कर दिया है। इसके लिए वाणिज्य कर विभाग में स्थानीय स्तर पर हेल्प डेस्क भी बना दी गई है। यहां एक असिस्टेंट कमिश्नर और दो कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी गई है। ऐसा इसलिए कि पंजीयन के संदर्भ में व्यापारियों को कोई भी जानकारी आसानी से मिल सके। जीएसटी को लागू किए 3 साल से ज्यादा हो गए।

छोटे व्यापारियों को भी आइटीसी का लाभ मिलेगा

इतनी अवधि में पंजीयन का आंकड़ा सवा लाख नहीं पहुंच सका है तो सवा लाख पंजीयन बढ़ाना व्यापारियों के लिए बहुत मुश्किल काम होगा। हालांकि अफसरों का कहना है कि रजिस्ट्रेशन से व्यापारियों को 10 लाख रुपये तक दुर्घटना बीमा का लाभ मिलेगा। इससे बड़े व्यापारी भी रजिस्टर्ड व्यापारियों से अपने माल बेच सकते हैं। इससे छोटे व्यापारियों को भी इनपुट टैक्स क्रेडिट यानी आइटीसी का लाभ मिलेगा।


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