इविवि को जल्द मिलेगा नया कुलाधिपति
इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) को नया स्थायी कुलपति मिलने के बाद अब नए कुलाधिपति (चांसलर) की तलाश तेज हो गई है। शुक्रवार को विधि संकाय के सभागार में होने वाली कार्य परिषद की बैठक में पांच नाम के पैनल पर सर्वसम्मति से मंजूरी मिल जाएगी। इसके बाद सीलबंद लिफाफे में इसे केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को भेजा जाएगा। फिर राष्ट्रपति नए कुलाधिपति के नाम पर अंतिम मुहर लगाएंगे।
गुरुदीप त्रिपाठी, प्रयागराज : इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) को नया स्थायी कुलपति मिलने के बाद अब नए कुलाधिपति (चांसलर) की तलाश तेज हो गई है। शुक्रवार को विधि संकाय के सभागार में होने वाली कार्य परिषद की बैठक में पांच नाम के पैनल पर सर्वसम्मति से मंजूरी मिल जाएगी। इसके बाद सीलबंद लिफाफे में इसे केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को भेजा जाएगा। फिर राष्ट्रपति नए कुलाधिपति के नाम पर अंतिम मुहर लगाएंगे।
दरअसल, इविवि की वेबसाइट और दस्तावेजों में अभी भी प्रोफेसर गोवर्धन मेहता का नाम कुलाधिपति के रूप में दर्ज है। उनका कार्यकाल 12 जून 2017 को समाप्त हो चुका है। मंत्रालय सूत्रों की मानें तो प्रोफेसर मेहता ने कार्यकाल पूरा होने से पहले ही मंत्रालय को 14 पेज का इस्तीफा भेज दिया था। इसमें उन्होंने इविवि की तमाम खामिया गिनाते हुए कहा था कि वह इन्हीं वजहों से कभी इविवि नहीं गए। 29 जून 2019 को मंत्रालय ने 10 दिन के भीतर कुलाधिपति पद के लिए देश के नामी विज्ञानी अथवा अन्य प्रबुद्ध व्यक्तियों के नाम मांगे। 16 अगस्त 2019 को इविवि की तरफ से नए कुलाधिपति के लिए पांच नामों का पैनल तैयार कर मंत्रालय को भेजा गया। इविवि सूत्रों ने बताया कि इनमें प्रो. केबी पाडेय, सिने स्टार अमिताभ बच्चन, बीएचयू और केजीएमयू लखनऊ के कुलपति रहे प्रो. हरि गौतम, उत्तर प्रदेश के शिक्षामंत्री रहे डॉ. रवींद्र शुक्ल, जस्टिस सखाराम यादव और इसरो के चेयरमैन के कस्तूरीरंगन का नाम शामिल था। हालाकि, केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने सभी नाम को खारिज कर दिया। मंत्रालय के डिप्टी सेक्रेटरी सूरत सिंह ने 28 अगस्त 2020 को इविवि प्रशासन को पत्र भेजकर नए सिरे से पांच नाम मांगे। ऐसे में इविवि प्रशासन ने शुक्रवार को होने वाली कार्य परिषद के एजेंडा नंबर 23/61 में इस मसले को भी प्रमुखता से शामिल कर लिया। अब सर्वसम्मति से मुहर लगने के बाद सीलबंद लिफाफे में पांचों नाम मंत्रालय को भेज दिए जाएंगे। फिर पांच वर्ष के लिए नए कुलाधिपति के नाम पर इविवि के विजिटर यानी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अंतिम मुहर लगाएंगे।