इविवि के प्रोफेसर ने विभागाध्यक्ष के खिलाफ खोला मोर्चा
इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) में शारीरिक शिक्षा विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर डीसी लाल ने अपने ही विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर अर्चना चहल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने बोर्ड आफ स्टडीज की बैठक कागजों में कराने का आरोप लगाया है। साथ ही सरकारी नौकरी करने वाले दो अभ्यर्थियों को फर्जी तरीके से पीएचडी कराने का भी आरोप लगाया है।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज : इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) में शारीरिक शिक्षा विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर डीसी लाल ने अपने ही विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर अर्चना चहल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने बोर्ड आफ स्टडीज की बैठक कागजों में कराने का आरोप लगाया है। सरकारी नौकरी करने वाले दो अभ्यर्थियों को फर्जी तरीके से पीएचडी कराने का भी आरोप लगाया है।
कला संकाय के डीन प्रोफेसर हेरंब चतुर्वेदी को भेजे पत्र में प्रोफेसर डीसी लाल ने आरोप लगाया है कि कला संकाय के फैकल्टी बोर्ड की बैठक के एजेंडे में शारीरिक शिक्षा विभाग के बोर्ड आफ स्टडीज की बैठक 25 मार्च 2021 को संपन्न बताया गया है। जबकि, बोर्ड की बैठक में सदस्य पहुंचे ही नहीं थे। इस वजह से बैठक हुई ही नहीं। आरोप है कि विभाग के काग्नेंट मेंबर और भूगोल विभाग के अध्यक्ष प्रो. एआर सिद्दीकी ने कहा था कि बैठक फिर से बुलाई जाएगी। इसके अलावा आरोप लगाया कि विभागाध्यक्ष प्रोफेसर चहल ने पीएचडी के एक्जामनर तय किए हैं, जिसमें दो स्कालर सरकारी नौकरी कर रहे हैं। वह दो वर्ष से न तो विभाग पहुंचे और न फीस जमा किए। विभागाध्यक्ष ने फर्जी तरीके से एक साथ फीस जमा कराई। इसके अलावा बोर्ड आफ स्टडीज में दो बाह्य सदस्यों को फर्जी तरीके से बैठक के लिए नियुक्त कर दिया। उन्होंने मामले की जांच कराने की मांग उठाई है। इसके पहले भी यह विभाग हमेशा से विवादों से घिरा रहा है।
शारीरिक शिक्षा विभाग की विभागाध्यक्ष द्वारा इस बात की पुष्टि की गई है कि मीटिंग नियमानुसार हुई है। मीटिंग के मिनट्स में सभी सदस्यों की उपस्थिति के हस्ताक्षर हैं।
- डा. जया कपूर, पीआरओ, इविवि।