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सीबीआइ की अर्जी मंजूर, आनंद गिरि की आवाज के नमूने का होगा परीक्षण

भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपित आनंद गिरि को लेकर सीबीआइ की अर्जी मंजूर कर ली गई है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Nov 2021 01:17 AM (IST)Updated: Sat, 13 Nov 2021 01:17 AM (IST)
सीबीआइ की अर्जी मंजूर, आनंद गिरि की आवाज के नमूने का होगा परीक्षण
सीबीआइ की अर्जी मंजूर, आनंद गिरि की आवाज के नमूने का होगा परीक्षण

जासं, प्रयागराज : भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में जेल में बंद आनंद गिरि की आवाज का नमूना परीक्षण कराए जाने की सीबीआइ अर्जी को सीजेएम हरेंद्र नाथ ने स्वीकार कर लिया है। उन्होंने केंद्रीय कारागार नैनी को आदेशित किया कि जेल मैनुअल के अनुसार आरोपित आनंद गिरी की आवाज के नमूने का परीक्षण कराया जाना सुनिश्चित करें। सीबीआइ की अर्जी पर आरोपित की सहमति जानने के लिए कोर्ट रूम में ही लैपटाप के जरिए वीडियो कांफ्रेंसिग नैनी सेंट्रल जेल से कराई गई।

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अदालत में जांच कर रही सीबीआइ टीम के सदस्य मौजूद थे। टीम के सदस्य ने उच्चतम न्यायालय का एक आदेश सीजेएम कोर्ट में प्रस्तुत किया। सीबीआइ ने कोर्ट के समक्ष आवाज नमूना परीक्षण कराने जाने के संबंध में अपना पक्ष रखा और कई तर्क प्रस्तुत किए। जबकि आरोपित के अधिवक्ता हरिकृष्ण पांडे सुनील, विनीत विक्रम सिंह ने सीबीआइ अर्जी का विरोध किया। कोर्ट रूम में लिक जुड़ते ही मजिस्ट्रेट ने आदेश दिया कि आरोपित को पेश करें। आनंद गिरी के कैमरे के सामने आने पर मजिस्ट्रेट ने उनसे आवाज परीक्षण नमूने की अर्जी पर सहमति पूछी। आनंद गिरि ने कहा कि वह आवाज नमूना परीक्षण कराने के लिए तैयार हैं। उन्होंने मजिस्ट्रेट से कहा कि वह निर्दोष हैं। सीबीआइ हर हफ्ते एक नई अर्जी पेश करके केवल परेशान कर रही है। रिमांड बढ़ाए जाने की अर्जी पर आनंद गिरि ने कोर्ट से कहा कि अब रिमांड आगे स्वीकृत न किए जाने कर अनुरोध किया। आनंद गिरि, आद्या प्रसाद व संदीप न्यायिक हिरासत बढ़ाई गई

जासं, प्रयागराज : महंत नरेंद्र गिरी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में जेल में बंद आनंद गिरि, आद्या प्रसाद व उनके बेटे संदीप तिवारी को सीबीआइ की अर्जी पर सीजेएम ने 20 नवंबर तक के लिए न्यायिक अभिरक्षा बढ़ा दी है। तीनों आरोपित 20 नवंबर तक कारागार में न्यायिक हिरासत में रहेंगे।

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हरेंद्रनाथ ने सीबीआइ के विवेचक आरए शुक्ला की अर्जी पर अभियोजन अधिकारी अतुल्य कुमार द्विवेदी एवं प्रदीप कुमार एवं आरोपितों के अधिवक्ता हरिकृष्ण पांडे सुनील, विनीत विक्रम सिंह के तर्कों को सुनने के बाद सीबीआइ की अर्जी स्वीकार करते हुए न्यायिक अभिरक्षा अवधि बढ़ाई।


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