Move to Jagran APP

Narendra Giri Death Case में अब महंत के वसीयत की जांच करेगी सीबीआइ

महंत नरेंद्र गिरि ने मठ और मंदिर से जुड़ी तीन वसीयत तैयार करवाई थी। एक वसीयताना में उन्होंने अभियुक्त आनंद गिरि के नाम का उल्लेख किया था जबकि दूसरी व तीसरी वसीयत बलवीर गिरि के नाम की थी। अब सीबीआइ के अधिकारी तीनों वसीयत का अध्ययन करेंगे

By Ankur TripathiEdited By: Published: Thu, 21 Oct 2021 07:35 AM (IST)Updated: Thu, 21 Oct 2021 07:36 AM (IST)
Narendra Giri Death Case में अब महंत के वसीयत की जांच करेगी सीबीआइ
वसीयत तैयार कराने वाले वकील से होगी पूछताछ, नरेंद्र गिरि ने तीन रजिस्टर्ड वसीयतनामा किया था

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) अब अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की वसीयत की भी जांच करेगी। इसके लिए जांच अधिकारी वसीयतनामा तैयार करवाने वाले अधिक्ता से पूछताछ करेंगे। ताकि कुछ सुराग व साक्ष्य जुटाया जा सके। सीबीआइ बुधवार को अधिवक्ता से जानकारी जुटाना चाहती थी, लेकिन उनके अस्वस्थ होने के कारण संपर्क नहीं कर पाई। अब गुरुवार को अधिवक्ता से पूछताछ कर सकती है।

loksabha election banner

सीबीआइ के अधिकारी तीनों वसीयत का अध्ययन करेंगे

बताया गया है कि महंत नरेंद्र गिरि ने मठ और मंदिर से जुड़ी तीन वसीयत तैयार करवाई थी। एक वसीयताना में उन्होंने अभियुक्त आनंद गिरि के नाम का उल्लेख किया था, जबकि दूसरी व तीसरी वसीयत बलवीर गिरि के नाम की थी। अब सीबीआइ के अधिकारी तीनों वसीयत का अध्ययन करेंगे। साथ ही पता लगाएंगे कि तीनों में कुछ अंतर है या नहीं। पहली से लेकर तीसरी वसीयत में उल्लेखित की गई प्रापर्टी सहित अन्य तथ्यों के आधार पर विवेचना को आगे बढ़ाएगी। यह भी कहा जा रहा है कि जांच एजेंसी इस अभिलेख को हत्या व आत्महत्या के एंगल को ध्यान में रखकर छानबीन करेगी।

पालीग्राफ टेस्ट के लिए दूसरी अर्जी नहीं 

उधर, पालीग्राफ टेस्ट को लेकर सीबीआइ को पता चला है कि अगर निचली अदालत से अर्जी खारिज हो चुकी है और आरोपित टेस्ट कराने के इच्छुक नही हैं, तो दूसरी अदालत में अर्जी नहीं दी जा सकती है। इस संबंध में अधिकारियों ने अभियोजन के अधिवक्ता से कानूनी सलाह ली है। बहरहाल, महंत की मृत्यु को एक माह का समय बीच चुका है, लेकिन सीबीआइ अब तक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। पिछले 20 सितंबर को श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी के अतिथि कक्ष में नरेंद्र गिरि की संदिग्ध दशा में मृत्यु हुई थी। सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने प्रथम दृष्टया मामले को आत्महत्या बताया था, मगर बाद में विवेचना सीबीआइ को सौंप दी गई थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.