CBI ने कमरे से कब्जे में ली महंत नरेंद्र गिरि की माला और अंगूठी समेत कई सामान
निरंजनी अखाड़ा के सचिव रवींद्र पुरी ने ने कहा कि सीबीआइ को कमरे से माला अंगूठी और अनंत का कमरे से मिलना यह बता रहा है कि नरेंद्र गिरि स्वयं उसे उतारकर दूसरे कमरे में गए थे। इस आधार पर मामला आत्महत्या का ही लग रहा है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि की मृत्यु की जांच कर रही केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) ने सोमवार को महंत के कमरे में कई घंटे छानबीन की। उनके कमरे में जांच के बाद महंत की माला, अंगूठी, चेन, अनंत (बाजूबंद) समेत कई व्यक्तिगत चीजों को अपने कब्जे में ले लिया। सीबीआइ के हाथ कुछ कागजात और एक डायरी भी लगने की बात कही जा रही है। जांच-पड़ताल के बाद महंत के तीनों कमरों को टीम ने सील कर दिया। आगे जरूरत पड़ने पर फिर से उनके कमरे में तफ्तीश की जाएगी।
सोमवार सुबह सीबीआइ की पूरी टीम एक बार फिर श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी पहुंची। सूत्रों का कहना है कि एएसपी केएस नेगी और उनकी टीम के कई सदस्य महंत के उस कमरे में पहुंचे, जहां वह रहते थे। उनका कमरा मठ के बीच में बने भवन के प्रथम तल पर है। वहां तीन कमरे हैं। टीम ने पहले कमरे की दशा, दिशा को समझा। फिर वहां रखी एक-एक वस्तु की जांच की। बेड, बक्सा समेत अन्य जगह भी छानबीन की। इसी दौरान टीम को महंत की अंगूठी, माला, अनंत, कपड़े व दूसरी कई व्यक्तिगत चीजें मिली, जिसे सीबीआइ ने कब्जे में लिया। बताया जा रहा है कि मृत्यु प्रकरण में यह साक्ष्य भी अहम हो सकते हैं, लिहाजा इनकी भी फोरेंसिक जांच कराई जा सकती है। कागजात व डायरी में क्या लिखा है, यह साफ नहीं पता चल सका है। फिलहाल सीबीआइ टीम तीनों कमरों की जांच से पूरी तरह मुतमईन होने के बाद उन्हें सील कर दिया।
एक साल में एक बार उतारा जाता है अनंत
निरंजनी अखाड़ा के सचिव रवींद्र पुरी ने बताया कि महंत अपने हाथ में अनंत (बाजूबंद) पहनते थे। उसे एक वर्ष में सिर्फ एक बार उतारा जाता है और फिर पूजा करके दोबारा पहन लिया जाता है। उनके गले में जो माला थी, वह भी कई सालों से नहीं उतारी गई थी। उन्होंने कहा कि सीबीआइ को कमरे से माला, अंगूठी और अनंत का कमरे से मिलना यह बता रहा है कि नरेंद्र गिरि स्वयं उसे उतारकर दूसरे कमरे में गए थे। इस आधार पर मामला आत्महत्या का ही लग रहा है।