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CBI के अफसर कस्टडी रिमांड में आनंद गिरि से बोले, घुमाइए नहीं, साफ-साफ बताइए छोटे महाराज

नैनी जेल से कस्टडी में लेने के बाद पुलिस लाइन स्थित अतिथि गृह के एक कमरे में आरोपित आनंद गिरि को ले जाया गया। आनंद गिरि छोटे महाराज के नाम से जाने जाते हैं। यहां सीबीआइ के अफसरों ने उनसे सवाल दागना शुरू किया।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Wed, 29 Sep 2021 09:20 AM (IST)Updated: Wed, 29 Sep 2021 09:21 AM (IST)
CBI के अफसर कस्टडी रिमांड में आनंद गिरि से बोले, घुमाइए नहीं, साफ-साफ बताइए छोटे महाराज
आनंद गिरि को सेंट्रल जेल से कस्टडी रिमांड पर लेकर सीबीआइ ने पुलिस लाइन लाकर पूछताछ शुरू की।

राजेंद्र यादव, प्रयागराज। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु के मामले में आरोपित आनंद गिरि को मंगलवार सुबह सेंट्रल जेल से कस्टडी रिमांड पर लेकर सीबीआइ ने पुलिस लाइन लाकर अतिथि गृह के कमरे में पूछताछ शुरू की। तमाम सवाल के जवाब में आनंद गिरि कभी खामोश हो जाते तो कभी गोलमोल जवाब देते। इस पर सीबीआइ के अफसरों ने कहा कि घुमाइए नहीं, साफ-साफ बताइए ‘छोटे महाराज’। जो पूछा जा रहा है उसी के बारे में बताइए। बाकी जो आप और बताना चाह रहे हैं उसे भी आपसे पूछा जाएगा, धैर्य रखिए।

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जितना पूछा जा रहा है, उतना बताते जाना है

नैनी जेल से कस्टडी में लेने के बाद पुलिस लाइन स्थित अतिथि गृह के एक कमरे में आरोपित आनंद गिरि को ले जाया गया। आनंद गिरि छोटे महाराज के नाम से जाने जाते हैं। यहां सीबीआइ के अफसरों ने उनसे सवाल दागना शुरू किया। सूत्रों के मुताबिक सबसे अहम सवाल यह पूछा गया कि अदावत जमीन की थी तो सुसाइड नोट में महिला का जिक्र कैसे था? विवाद के दौरान शादी में रुपये लुटाते हुए जो आडियो था, उसे वायरल करने के पीछे मंशा क्या थी? महंत नरेंद्र गिरि से क्या चाहते थे? ये सवाल ऐसे थे, जिसका जवाब देने में आरोपित आनंद गिरि को समय लग गया। काफी देर तक खामोश रहने के बाद जब चुप्पी तोड़ी तो गोलमोल जवाब दिए। जिस पर कुछ अफसरों ने कहा कि ‘छोटे महाराज’ आप ध्यान रखिए कि आपसे सीबीआइ पूछताछ कर रही है, इसलिए जितना पूछा जा रहा है उतने का ही जवाब दीजिए। विस्तार से जानकारी लेने के लिए अभी काफी समय है, इसलिए संक्षेप में ही अभी ये सब बताइए। पूछताछ के दौरान अफसरों का बीच-बीच में तेवर देखकर आनंद गिरि के पसीने छूटते रहे। हालांकि, सभी सवालों के जवाब में आनंद गिरि दोहराते रहे कि वह निर्दोष हैं और एक साजिश के तहत फंसाया जा रहा है।

हरिद्वार में महंत का सबसे अधिक करीबी कौन?

आरोपित आनंद गिरि से सीबीआइ ने पूछा कि महंत नरेंद्र गिरि का हरिद्वार में कौन-कौन करीबी था। अंतिम बार वे कब हरिद्वार गए थे। जब वे वहां जाते थे तो सबसे अधिक किससे बातचीत करते थे। सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा था कि ‘आज जब हरिद्वार से सूचना मिली कि एक-दो दिन में आनंद गिरि कंप्यूटर के माध्यम से मोबाइल से किसी लड़की या महिला के गलत काम करते हुए मेरी फोटो लगाकर फोटो वायरल कर देगा, इसलिए मै जान देने जा रहा हूं''। यह सूचना देने वाला कौन था? इस सवाल पर आनंद गिरि बोले कि मुझे नहीं पता। हालांकि, वहां कौन-कौन महंत के करीबी थे, इस बारे में जरूर सीबीआइ को बताया है। 

पुलिस लाइन में नहीं दाखिल हो सका बाहरी व्यक्ति

पुलिस लाइन के भीतर आवासीय परिसर भी है। ऐसे में लोगों का यहां दिनभर आना-जाना लगा रहता है। लेकिन मंगलवार को यहां नजारा बदला हुआ था। मुख्य द्वार पर कई पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई थी। बिना पूछताछ वे किसी को भीतर दाखिल नहीं होने दे रहे थे। चाहे वे पुलिसकर्मी ही क्यों न रहे हों। इसके बाद अतिथि गृह जाने वाले मार्ग पर भी पुलिसकर्मी तैनात थे और इधर से तो पुलिसकर्मियों का भी आना-जाना प्रतिबंधित था। एक तौर पर पुलिस लाइन में सुरक्षा व्यवस्था काफी तगड़ी की गई थी।


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