इंस्पेक्टर हत्याकांड : दिल्ली और लखनऊ की सीबीआइ टीम फिर पहुंची प्रतापगढ़
प्रतापगढ़ में इंस्पेक्टर अनिल कुमार हत्याकांड के मामले में दिल्ली और लखनऊ की टीम वहां पहुंची है। इससे जिले में सरगर्मी बढ़ गई है।
प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के आदेश पर इंस्पेक्टर अनिल कुमार हत्याकांड की जांच कर रही सीबीआइ की दिल्ली और लखनऊ की टीम फिर से प्रतापगढ़ पहुंची। घटनास्थल पर पहुंचकर इस सनसनीखेज हत्याकांड की क्राइम सीन का रिक्रिएशन कराया। लगभग दो घंटे तक रुककर टीम ने घटना के हर पहलू पर जांच पड़ताल की।
स्टेट बैंक के पीछे स्थित मॉडल शाप के बाहर तीन साल पहले 19 नवंबर 2015 को इंस्पेक्टर अनिल कुमार की हत्या हो गई थी। मॉडल शाप में दो गुटों के बीच हुए विवाद के दौरान चली गोली लगने से इंस्पेक्टर की जान चली गई थी। घटना के पुलिसिया राजफाश पर सवाल उठाते हुए इंस्पेक्टर की पत्नी आरती गुर्जर ने सीबीआइ जांच की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर किया था। इस पर 23 मई 2018 को हाईकोर्ट ने घटना को सिर्फ चांस किलिंग न मानकर सीबीआइ से जांच कराने का आदेश दिया था। सीबीआइ लखनऊ ने केस दर्ज करके 12 जुलाई 2018 को एएसपी आरएन मिश्र की अगुवाई में जांच शुरू कर दिया था। अब तक दो बार सीबीआइ की टीम यहां आकर घटनास्थल पर जांच पड़ताल और संबंधित लोगों से पूछताछ कर चुकी है।
एएसपी आरएन मिश्र की अगुवाई में सीबीआइ लखनऊ की पांच सदस्यी टीम प्रतापगढ़ पहुंची। टीम ने जिला पंचायत के गेस्ट हाउस में घटना का आरोपित बोचा सोनी, प्रत्यक्ष दर्शी मोनू पटवा, सिपाही राजेंद्र उपाध्याय समेत अन्य गवाहों, प्रारंभिक विवेचक इंस्पेक्टर हरपाल यादव से पूछताछ की। वहीं दिल्ली सीबीआइ की आठ सदस्य टीम भी पहुंची। पहली बार दिल्ली सीबीआइ की टीम इस मामले में यहां आई हैं।
घटनास्थल की जांच करने पहुंची टीम :
सीबीआइ की दोनों टीमें घटना के आरोपित, होटल मैनेजर अमित सिंह, इंस्पेक्टर हरपाल यादव को लेकर घटनास्थल पर पहुंची। हालांकि घटना के समय रहा मॉडल शाप व होटल अब नर्सिंग होम में तब्दील हो गया है। घटना के समय कौन-कौन कहां-कहां पर था। कहां झगड़ा हुआ है। भागते समय जीशान ने कैसे गोली चलाई और इंस्पेक्टर अनिल को कैसे गोली। इस पूरी सीन का सीबीआइ ने रिक्रिएशन कराया। लगभग दो घंटे तक टीम ने जांच पड़ताल किया। इसके बाद टीम अलग-अलग टुकड़ों में जिला पंचायत व पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस चली गई। दोनों टीमों को इन्हीं गेस्ट हाउस पर रोका गया है।
मुख्य आरोपित, मैनेजर, गवाह का होगा पॉलीग्राफ टेस्ट :
इंस्पेक्टर अनिल हत्याकांड में होटल मैनेजर रहे अमित सिंह, हत्यारोपित बोचा सोनी, प्रत्यक्षदर्शी मोनू पटवा, चालक नर्वदेश्वर, इंस्पेक्टर बलराम मिश्रा का पालीग्राफ टेस्ट होगा। सीबीआइ ने इन सभी लोगों को पत्र भेजकर टेस्ट के लिए लिखित अनुमति ले लिया है।
क्या था घटनाक्रम :
तीन साल पहले 19 नवंबर 2015 की शाम मॉडल शाप के बाहर बाइक खड़ी करने को लेकर दो गुटों में मारपीट हो गई थी। दो पक्षों में बीयर की बोतल चलने लगी थी। इसी दौरान बोचा ने हवाई फायर कर दिया था। गोली चलने की आवाज सुनकर होटल के प्रथम तल पर कमरे में रहे इंस्पेक्टर अनिल कुमार नीचे उतर रहे थे। वह जनरेटर के पास पहुंचे थे कि जीशान द्वारा चलाई गई गोली उनके सीने में धंस गई थी और मौके पर ही उनकी मौत हो गई थी।
घटना में पुलिस ने इंस्पेक्टर के भाई विनोद की तहरीर पर अज्ञात में मुकदमा दर्ज करके जीशान, बोचा निवासीगण पल्टन बाजार को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। गवाहों के बयान के आधार पर सीओ सिटी रहे मनीष मिश्र ने जीशान, बोचा के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दिया था। पुलिस के राजफाश पर अंगुली उठाते हुए इंस्पेक्टर की पत्नी आरती गुर्जर ने तत्कालीन एसपी सुनील सक्सेना, इंस्पेक्टर बलराम मिश्र पर साजिश का आरोप लगाया था और घटना की जांच सीबीआइ से कराने की मांग की थी।