Move to Jagran APP

महंत नरेंद्र गिरि मौत मामले में CBI ने आनंद गिरि समेत तीन के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट, लगाए गंभीर आरोप

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत के मामले में सीबीआई ने जेल में बंद मुख्य आरोपी आनंद गिरि और अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। महंत नरेंद्र गिरि 20 सितंबर को प्रयागराज में अपने आश्रम में मृत पाए गए थे।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sat, 20 Nov 2021 04:41 PM (IST)Updated: Sun, 21 Nov 2021 09:09 AM (IST)
महंत नरेंद्र गिरि मौत मामले में CBI ने आनंद गिरि समेत तीन के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट, लगाए गंभीर आरोप
महंत नरेंद्र गिरी की मौत मामले में सीबीआई ने आनंद गिरी और अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की।

प्रयागराज, जेएनएन। देश भर में चर्चित अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु मामले में शनिवार को केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआइ) ने सीजेएम कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी। जांच एजेंसी ने महंत के परम शिष्य रहे आनंद गिरि, लेटे हनुमान मंदिर के पूर्व पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी और उसके बेटे संदीप को आत्महत्या के लिए उकसाने और षडयंत्र की धारा में आरोप पत्र दाखिल किया। कोर्ट ने कहा कि आरोप पत्र संज्ञान लिए जाने का पर्याप्त आधार उपलब्ध है। नैनी जेल में निरुद्ध अभियुक्तों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में पेश किया गया, लेकिन उन्होंने कोई भी तार्किक आपत्ति अभिव्यक्त नहीं की। आरोप पत्र में आनंद गिरि समेत तीनों आरोपितों पर आइपीसी की धारा 306 यानी आत्महत्या के लिए उकसाने और 120 बी यानी षडयंत्र रचने के तहत आरोप लगाया गया है।

loksabha election banner

अदालत में जब सीबीआइ ने आरोप पत्र प्रस्तुत किया तो उस वक्त आरोपितों की ओर से संज्ञान के बिंदु पर अधिवक्ता हरीकृष्ण सुनील पाडेय, विनीत विक्रम सिंह ने विधिक प्रश्न रखकर दलीलें प्रस्तुत कीं। अल्लापुर स्थित श्रीमठ बाघम्बरी गद़़्दी में 20 सितंबर की शाम साढ़े पांच बजे महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध दशा में मृत्यु हुई थी। पुलिस ने घटना स्थल, परिस्थितियों और कमरे में मिले सुसाइड नोट के आधार पर आत्महत्या का मामला बताया था। इसके बाद जार्जटाउन थाने में आनंद गिरि के विरुद्ध महंत को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया गया था।

154 लोगों के बयान को बनाया आधार : चार्जशीट तैयार करने में सीबीआइ ने 154 लोगों के बयान को आधार बनाया है। जांच एजेंसी ने अदालत से अनुरोध किया है कि उनके द्वारा की गई विवेचना से तीनों आरोपितों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 306 और 120 बी का अपराध प्रथम ²ष्टया बनता है। सबूत को तलब कर इन्हें दंडित किया जाए।

25 नवंबर को सेशन कोर्ट में सुपुर्द करें पत्रावली : महंत नरेंद्र गिरि को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपित आनंद गिरि समेत तीनों आरोपितों के विरुद्ध आरोप पत्र पेश होने के बाद कोर्ट ने आदेश दिया है कि पत्रावली को सेशन कोर्ट में सुपुर्द करें। इसके लिए 25 नवंबर की तिथि तय की गई है। इससे पहले वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट में पेश हुए आनंद गिरि ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट से अनुरोध किया कि हमारी ओर से उपस्थित अधिवक्ताओं से बात करा दीजिए और मिलने की अनुमति दे दीजिए। ऐसी बहुत सी बाते हैं, जिनको अदालत के समक्ष रखना जरूरी है और वह हमें बेगुनाह करने में मददगार होंगी।

हाईकोर्ट में दाखिल करेंगे जमानत अर्जी : अधिवक्ता सुनील पांडेय का कहना है कि वह जेल में आनंद गिरि से मिलकर तथ्यों को समझने के बाद जमानत अर्जी हाईकोर्ट में दाखिल करेंगे। अधिवक्ता विजय द्विवेदी ने कहा कि इस मामले की जांच और बेहतर ढंग से होनी चाहिए थी। घटना से जुड़े कई ऐसे तथ्य प्रकाश में आए थे, जिन पर शायद गौर नहीं किया गया था।

सुसाइड नोट में लिखा था महंत ने तीनों का नाम : बता दें कि महंत नरेंद्र गिरि की मौत 20 सितंबर को हुई थी। उनका शव प्रयागराज के श्री मठ बाघम्बरी गद्दी में अतिथि कक्ष के कमरे में पंखे में बंधी रस्सी से लटकता पाया गया था। सेवादारों ने बताया था कि शाम चार बजे तक महंत कमरे से बाहर नहीं आए और आवाज देने पर भी जवाब नहीं दिया तब धक्का देकर दरवाजे को खोला गया था। रस्सी काटकर फंदे से उतारने पर पता चला कि उनकी सांस थम चुकी है। उनके कमरे से आठ पन्ने का दोनों तरफ लिखा हुआ सुसाइड नोट भी मिला था। सुसाइड नोट में महंत ने अपने बरसों पुराने शिष्य आनंद गिरि, लेटे हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी और उसके पुत्र संदीप तिवारी को आत्महत्या के लिए मजबूर करने का जिम्मेदार बताया गया था। सुसाइड नोट के आधार पर ही प्रयागराज के जार्ज टाउन थाने में एफआइआर दर्ज कराई गई थी। बाद में सरकार ने पूरे मामले की जांच सीबीआइ को सौंप दी थी। सीबीआइ ने करीब दो महीने की जांच के बाद कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी। तीनों आऱोपित 22 सितंबर को गिरफ्तारी के बाद से जेल में हैं।

वीडियो मिला नहीं, आडियो का बना है राज : महंत ने सुसाइड नोट में लिखा था कि उन्हें पता चला है कि आनंद ने किसी महिला के साथ उनका वीडियो मोबाइल और कम्प्यूटर के जरिए बनाया है जिसे वह वायरल करने वाला है। इस वीडियो के वायरल होने पर उनकी पूरी इज्जत  मिट जाएगी। वह अपमान के साथ जी नहीं सकते हैं इसलिए आत्महत्या कर रहे हैं। मगर 60 दिन बाद भी उस वीडियो का सच सामने नहीं आ सका है। पुलिस को आनंद के मोबाइल से कोई आडियो मिला है जिसकी आवाज मैच करने के  लिए कोर्ट से अनुमति लेकर जेल में उसका वायरल सैंपल लिया गया है। 

यह भी पढ़ें : महंत नरेंद्र गिरि की नहीं हुई थी हत्या, सीबीआइ ने प्रयागराज कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में किया बड़ा राजफाश


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.