महंत नरेंद्र गिरि मौत मामला, सीबीआइ आरोपितों की रिमांड बढ़वाने के लिए कोर्ट में दे सकती है अर्जी
सूत्रों का कहना है कि महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत मामले में आरोपितों की रिमांड अवधि के सात दिन तक यदि सीडी या वीडियो बरामद नहीं हुई तो सीबीआइ कोर्ट में आरोपितों की रिमांड बढ़ाने को लेकर अर्जी दाखिल कर सकती है।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। महंत नरेंद्र गिरि मृत्यु प्रकरण का सच जानने के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) के हाथ अब तक कोई ठोस सुबूत नहीं लगा है। इसलिए आसार हैं कि सीबीआइ कोर्ट से मामले के आरोपित आनंद गिरि, आद्या तिवारी व संदीप तिवारी की रिमांड अवधि बढ़ाने के लिए अर्जी दे सकती है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु के मामले में उनको आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपित आनंद गिरि के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। त्रिवेणी बांध स्थित लेटे हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी आद्या तिवारी व उसके पुत्र संदीप को भी आरोपित बनाया गया है। इन तीनों को सीबीआइ सात दिनों की रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है।
हालांकि, सीबीआइ ने कोर्ट में अर्जी देकर 10 दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन स्वीकृति सात दिन की ही मिली थी। शुक्रवार को चार दिन बीत गए। इन चार दिनों में सीबीआइ आरोपित आनंद गिरि को हरिद्वार स्थित आश्रम भी ले गई। वहां से लैपटाप आदि बरामद भी किया है। हालांकि, अभी सीबीआइ के हाथ वह सीडी या वीडियो नहीं लगी है, जिसका सुसाइड नोट में जिक्र किया गया था। लगातार सीबीआइ आरोपितों से इस बारे में पूछताछ भी कर रही है, लेकिन वे सीडी व वीडियो बनाने से इन्कार कर रहे हैं। हालांकि सुसाइड नोट में इसका जिक्र होने के कारण सबसे अहम सुबूत यही है, जिसे लेकर सीबीआइ कोई ठोस नतीजे पर पहुंचना चाहती है।
सूत्रों का कहना है कि रिमांड अवधि के सात दिन तक यदि सीडी या वीडियो बरामद नहीं हुई तो सीबीआइ कोर्ट में आरोपितों की रिमांड बढ़ाने को लेकर अर्जी दाखिल कर सकती है। इसके लिए तैयारी भी शुरू कर दी गई है।