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डीपीआरओ पर बदसलूकी का आरोप, कई कर्मचारियों के खिलाफ लिखा गया मुकदमा, जानिए पूरा मामला

इस मामले में अधिवक्ता का यह भी आरोप है कि घटना के बारे में डीपीआरओ से बताने गया तो उन्होंने भी अभद्रता करते हुए कर्मचारी राजू कनौजिया कार्तिकेय बिंद लिपिक अंजू हमीद से भगाने को कहा सभी ने मिलकर पिटाई की और जान से मारने की धमकी दी।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 09:31 PM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 09:31 PM (IST)
डीपीआरओ पर बदसलूकी का आरोप, कई कर्मचारियों के खिलाफ लिखा गया मुकदमा, जानिए पूरा मामला
विकास भवन में पिछले दिनों मारपीट की घटना में दूसरे पक्ष ने भी कर्नलगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।

प्रयागराज, जेएनएन। विकास भवन में पिछले दिनों हुई मारपीट की घटना में दूसरे पक्ष ने भी कर्नलगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। इसमें डीपीआरओ पर अभद्रता करने का आरोप लगाया गया है। लिपिक समेत कई लोगों के खिलाफ मुकदमा हुआ है। इन पर मारपीट करने के साथ ही बंधक बनाने, पांच हजार रुपये लूटने और फाइल फाडऩे का आरोप लगाया गया है। पुलिस का कहना है कि रिपोर्ट दर्ज कर जांच की जा रही है।

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20 नवंबर को हुआ था वाकया 

झूंसी इलाके के आजाद नगर निवासी विभूति नारायण मिश्र अधिवक्ता हैं। उनका आरोप है कि पिता गायत्री प्रसाद मिश्र विकास भवन में अपने पेंशन संबंधित कार्य के लिए गए थे। वहां तैनात कर्मचारियों ने घूस की मांग कर दी। विरोध करने पर पिता से मारपीट की गई और उन्हें बंधक भी बना लिया गया। इस घटना कीी सूचना पाकर वह अपने अधिवक्ता साथी धनंजय कुमार भारतीया के साथ वहां पहुंचे तो उनके साथ भी मारपीट की गई। साथी धनंजय के साथ भी यही हुआ। पांच हजार रुपये छीनने के साथ ही हाथ से छीनकर फाइल को भी फाड़ दिया। इस मामले में अधिवक्ता का यह भी आरोप है कि घटना के बारे में डीपीआरओ से बताने गया तो उन्होंने भी अभद्रता करते हुए कर्मचारी राजू कनौजिया, कार्तिकेय बिंद, लिपिक अंजू हमीद से भगाने को कहा, जिस पर सभी ने मिलकर पिटाई की और जान से मारने की धमकी दी। इस वाकये से विकास भवन में खासा हंगामा मच गया था। एक तरफ से वकील भी लामबंद होकर कार्रवाई की मांग पर जोर देने लगे थे। ऐसे में आखिरकार क्रास केस लिख लिया गया। इंस्पेक्टर कर्नलगंज अवन कुमार दीक्षित का कहना है कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है। अब दोनों तरफ से एफआइआर हो गई है। मामले की जांच की जा रही है। इंस्पेक्टर कर्नलगंज अवन कुमार दीक्षित का कहना है कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है। डीपीआरओ पर नहीं बल्कि डीपीआरओ आफिस पर मुकदमा दर्ज हुआ है। अब दोनों तरफ से एफआइआर हो गईहै। मामले की जांच की जा रही है। 


बोलीं डीपीआरओ, आरोप बेबुनियाद

उधर डीपीआरओ रेनू श्रीवास्तव का कहना है कि उन पर जो आरोप लगाए गए हैं वे बेबुनियाद हैं। उनके खिलाफ कोई रिपोर्ट नहीं हुई है। बल्कि डीपीआरओ ऑफिस पर मुकदमा दर्ज हुआ है। उच्चाधिकारियों को पूरे प्रकरण की जानकारी देकर निष्पक्ष जांच कराने की बात कही गई है।


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