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गवाह को फर्जी ढंग से जेल भेजने में इंस्पेक्टर समेत कई पर मुकदमा, जानें प्रयागराज का पूरा मामला

जार्जटाउन थाने में तत्कालीन इंस्पेक्टर हंडिया बृजेश सिंह यादव समेत अन्‍य पर साजिश के तहत गवाह को फर्जी ढंग से जेल भेजने के मामले में केस दर्ज कर लिया गया है। असिस्टेंट प्रोफेसर मदन यादव भी नामजद आरोपित हैं। दुष्कर्म पीडि़ता की तहरीर पर जार्जटाउन में रिपोर्ट दर्ज हुई।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 12 Nov 2021 09:28 AM (IST)Updated: Fri, 12 Nov 2021 09:28 AM (IST)
गवाह को फर्जी ढंग से जेल भेजने में इंस्पेक्टर समेत कई पर मुकदमा, जानें प्रयागराज का पूरा मामला
गवाह को फर्जी तरीके से जेल भेजने के मामले के आरोपित पुलिसकर्मियों पर केस दर्ज हुआ है।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। साजिश के तहत गवाह को फर्जी ढंग से जेल भेजने के मामले में आखिरकार पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया है। जार्जटाउन थाने में तत्कालीन इंस्पेक्टर हंडिया बृजेश सिंह यादव, जार्जटाउन थाने के दारोगा बलवंत यादव, सीएमपी डिग्री कालेज के असिस्टेंट प्रोफेसर मदन यादव व कई अन्य के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआइआर हुई है। रिपोर्ट दुष्कर्म पीडि़त प्रतियोगी छात्रा की तहरीर पर लिखी गई है। इस पूरे मामले में और कितने लोग शामिल थे, इसका पर्दाफाश भी पुलिस की जांच में होगा।

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पीडि़त छात्रा ने दर्ज कराया था मुकदमा

पीडि़ता का आरोप है कि उसने कर्नलगंज थाने में मदन यादव के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद अभियुक्त मदन यादव अपने पद, प्रभाव व गिरोह के सदस्यों के साजिश के तहत उसे और उसके गवाहों, परिवारीजनों पर विभिन्न थानों में फर्जी मुकदमा दर्ज करवाकर सुलह करवाना चाहता था। इसी के तहत पहले फूलपुर फिर हंडिया थाने में एफआइआर दर्ज कराई गई।

गवाह को उठवाने का भी है आरोप

यह भी आरोप है कि मदन यादव इंस्पेक्टर हंडिया बृजेश यादव के सहयोग से उसके गवाह को कहचरी के बाहर से उठवा ले गया। साथ ही स्कूटी थाने में दाखिल कर उस पर ट्रक की नंबर प्लेट लगा दी गई थी। पीडि़ता ने दूसरी घटनाओं का भी उल्लेख एफआइआर में किया है। फिलहाल सभी के खिलाफ एससी एसटी, कूटरचना, धोखाधड़ी, साजिश रचने समेत 14 धाराओं में मुकदमा कायम किया गया है। इंस्पेक्टर जार्जटाउन महेश प्रसाद का कहना है कि मुकदमे की जांच की जा रही है।

एक ही गांव के मदन व बृजेश

पीडि़ता का यह भी आरोप है कि असिस्टेंट प्रोफेसर मदन यादव व इंस्पेक्टर बृजेश सिंह यादव एक ही गांव रहने वाले हैं। दोनों गाजीपुर जिले के करीमुद्दीनपुर के निवासी है। इसके चलते पीडि़ता से मुकदमे में गवाही न देने, मुकदमा खत्म करने की नीयत साजिश के तहत उसके गवाह को जेल भेजा गया। इसके बाद फर्जी ढंग से दूसरे मुकदमे भी लिखवाए गए। फिलहाल इस मामले में अब तक तीन इंस्पेक्टर, दो दारोगा समेत आठ पुलिसकर्मी निलंबित हो चुके हैं। माना जा रहा है कि इस मुकदमे की जांच में कालेज से लेकर पुलिस के कई और कर्मचारी भी फंस सकते हैं।

अभियुक्‍त का आरोप कि पीडि़ता पहले से शादीशुदा

अभियुक्त मदन यादव का आरोप है कि उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने वाली पीडि़ता पहले से शादीशुदा है। उसकी वोटर आइडी में जाति यादव लिखी गई है, जबकि वह खुद को एससीएसटी बताकर मुकदमा दर्ज करवा रही है। पीडि़ता की 11 साल पहले शादी हुई थी।


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