बेकाबू स्कार्पियो ने युवा पुत्र की जान ली, अब ट्रैफिक सुधार की मुहिम में जुटे पिता Prayagraj News
आदित्य को बेकाबू स्कार्पियो ने कुचल दिया था। उसकी मौत से परिवार गम में है। पिता ने शहर के लोगों के साथ कैंडल मार्च निकाला। साथ ही बेटे को इंसाफ व ट्रैफिक सुधार की मांग की गई।
प्रयागराज, जेएनएन। 17 साल के आदित्य भार्गव की बेकाबू स्कार्पियो की चपेट में आने से आकस्मिक मौत से टूट चुके पिता ने हिम्मत नहीं हारी। अब वह ऐसी मुहिम में जुटे हैं ताकि औरों के घरों में अंधेरा न हो, उनके जिगर का टुकड़ा सही सलामत रहे। कुछ इसी सोच के साथ आदित्य के पिता राजुल भार्गव इन दिनों बेलगाम ड्राइविंग व ट्रैफिक सुधार की मुहिम में जुटे हैं। उनके इस मिशन में शहरियों ने भी साथ दिया है। इसी जागरूकता को लेकर सुभाष चौराहे पर जुटे हर वर्ग के लोगों ने आदित्य को इंसाफ दिलाने की मांग करते हुए कैंडल मार्च निकाला। साथ ही संदेश दिया कि सड़क पर जान गंवाने से बचना है तो ट्रैफिक नियमों का पालन करना चाहिए। पुलिस पर भी दबाव बनाया जा रहा है कि नियमों को सख्ती से पालन करवाया जाए।
बैनर-पोस्टर पर आदित्य को इंसाफ व ट्रैफिक सुधारने के स्लोगन लिखे थे
इस हादसे के बाद से आदित्य के पिता राजुल बेलगाम ड्राइविंग और ट्रैफिक सुधार की मुहिम में जुटे हैैं। इसी क्रम में बीएचएस समेत कई स्कूलों के विद्यार्थी, शिक्षक, शिक्षिकाएं, कारोबारी, डॉक्टर, अधिवक्ता, परिवार के करीबी समेत बड़ी संख्या में लोग सुभाष चौराहे पर जुटे। आदित्य के माता-पिता, बड़े भाई देवराज और स्कूली साथी भी थे। हाथों में आदित्य की तस्वीर वाले पोस्टर, बैनर थामे लोगों ने ट्रैफिक नियमों के पालन का संदेश देते हुए कैंडल मार्च निकाला। पत्थर गिरजाघर से होते हुए मार्च वापस सुभाष चौराहे पर पहुंचा। मार्च में शामिल लोगों के चेहरे पर गम और गुस्सा झलक रहा था। बैनर और पोस्टर पर प्रशासन से आदित्य को इंसाफ तथा ट्रैफिक सुधारने के स्लोगन लिखे थे।
बेकाबू स्कार्पियो की टक्कर से आदित्य की मौत हुई थी, क्राइम ब्रांच कर रही जांच
लूकरगंज में रहने वाले कारोबारी संदीप भार्गव उर्फ राजुल के दो बेटों में छोटा आदित्य बीएचएस में 11वीं कक्षा का छात्र था। 10 नवंबर की रात करीब आठ बजे सर्किट हाउस के पास दोस्तों से मिलने जाते वक्त स्कूटी सवार आदित्य को तेज रफ्तार स्कार्पियो ने गलत साइड पर आकर टक्कर मार दी थी। हादसे में उसकी जान चली गई। सदमे में डूबी मां अंजली ने बेटे के नेत्र दान कर दिए थे। गिरफ्तार ड़्राइवर हैदर जेल में है मगर पिता का आरोप है कि गाड़ी वह नहीं कोई और चला रहा था जिसे पुलिस ने बचा लिया। अब मामले की जांच क्राइम ब्रांच को दी गई है।
राजुल ने कहा, कब तक यूं ही मरते रहेंगे लोग
पिता राजुल ने कहा कि शहर के लोग कीड़े मकोड़े नहीं हैैं जो सड़क पर बेतहाशा रफ्तार से दौड़ती गाडिय़ों के नीचे आकर मरते रहें। ट्रैफिक पुलिस को इस पर सख्ती करनी होगी। गाडिय़ों से ब्लैक फिल्म हटाने के लिए वह पूरा जोर लगाएंगे। सीसीटीवी कैमरे सुधारे जाएं, न्याय मार्ग समेत अन्य सड़कों पर स्पीड ब्रेकर बनाए जाएं। ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ानी चाहिए। इस संबंध में संचारी संस्था की तरफ मुख्यमंत्री, हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस, कमिश्नर, डीएम, एसएसपी, एसपी ट्रैफिक को ज्ञापन भेजा गया है। कैंडल मार्च में शामिल 700 से ज्यादा लोगों ने ट्रैफिक सुधार के लिए पिटीशन पर दस्तखत भी किए हैैं।