अभियान तो प्रयागराज में खूब चला पर नहीं रोक पाए बिजली चोरी और कटियामारी
एक वर्ष में विभाग ने बिजली चोरी के 5830 मामले पकड़े। इन सभी के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई। शमन शुल्क भी वसूला गया लेकिन हाईलाइन लास वाले फीडरों पर अधिक प्रभाव नहीं पड़ा। बमरौली डिवीजन में खासकर बिजली चोरी उतनी नहीं रुकी
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। वर्ष 2021 आज समाप्त हो रहा है और नया साल 2022 आधी रात में आने वाला है। बिजली विभाग के इन एक साल के कामकाज की बात की जाए तो उसका पूरा समय एक तौर पर बकाएदारों से राजस्व वसूली और कटियामारी को पकड़ने में ही निकल गया। आश्चर्य की बात यह रही कि ये दोनों ही मुहिम पूरी तरीके से सार्थक नहीं हो सकी। न शत प्रतिशत बकाएदारों ने बकाए का भुगतान किया और न ही पूरी तरह से बिजली चोरी रोकी जा सकी है।
पकड़े 5830 बिजली चोरी के मामले और लिखाया केस
एक वर्ष में विभाग ने बिजली चोरी के 5830 मामले पकड़े। इन सभी के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई। शमन शुल्क भी वसूला गया, लेकिन हाईलाइन लास वाले फीडरों पर अधिक प्रभाव नहीं पड़ा। बमरौली डिवीजन में खासकर बिजली चोरी उतनी नहीं रुकी, जितना अफसरों ने प्रयास किया। कसारी-मसारी उपकेंद्र हो या फिर करैलाबाग, करेली। यहां भी हाईलाइन लास वाले फीडर पर बिजली की चोरी उतनी कम नहीं हुई, जितनी विभाग को अपेक्षा थी। यह तब है जब बिजली विभाग के साथ प्रवर्तन दल भी लगा था। लेकिन प्रवर्तन दल ने पूरे वर्ष सिर्फ औपचारिकता ही निभाई। सिर्फ एक बड़ा मामला मुट्ठीगंज में पकड़ा, वह भी पुराने मीटरों के खेल का।
बकाएदारों की बात की जाए तो चलाई गई एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) ग्रामीण इलाकों में दम तोड़ती नजर आई। शहरी क्षेत्र के कुछ उपकेंद्रों को छोड़ दिया जाए तो आधे से अधिक पर 50 फीसद का भी आंकड़ा पार नहीं हो सका। उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए सभी उपकेंद्रों पर शिविर जरूर लगाए गए, लेकिन बिलिंग में होने वाली गड़बड़ी को लेकर शिकायत करने पहुंचे लोग पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हो सके। हां, बिजली की आपूर्ति में सुधार जरूर हुआ। शहर में 12 फीडर बढ़ाए जाने के कारण ट्रांसफार्मर भी गिने-चुने ही जले और कटौती पर भी अंकुश लगा।