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कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ ने किया BPCL का दौरा, कर्मचारियों ने लगाई गुहार, बचा लीजिए कंपनी को

कर्मचारियों ने शासन के आदेश पर 90 फ़ीसदी आक्सीजन सिलेंडर तैयार कर लिया है जो लाइसेंस मिलते ही आपूर्ति कर दी जाएगी। कैबिनेट मंत्री की ओर से भारी उद्योग मंत्रालय से वार्ता कर कंपनी को बचाने का आश्वासन दिए जाने के बाद कर्मचारियों ने राहत की सांस ली है।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Thu, 13 May 2021 05:54 PM (IST)Updated: Thu, 13 May 2021 05:54 PM (IST)
कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ ने किया  BPCL का दौरा, कर्मचारियों ने लगाई गुहार, बचा लीजिए कंपनी को
कर्मचारियों ने उनसे कंपनी के भविष्य को बचाने की गुहार लगाई। इस बाबत उन्हें एक ज्ञापन भी सौंपा गया है।

प्रयागराज, जेएनएन।  कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने गुरुवार को भारत पंप एंड कंप्रेशर लिमिटेड (बीपीसीएल ) का दौरा किया। उन्होंने कंपनी के सिलेंडर प्लांट को जाकर देखा और उनकी मशीनें को चलवाकर उसके बारे में पूछताछ की। इस मौके पर कर्मचारियों ने उनसे कंपनी के भविष्य को बचाने की गुहार लगाई। इस बाबत उन्हें एक ज्ञापन भी सौंपा गया है।

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मजबूरी में कर्मचारियों ने सेवानिवृत्त के लिए फॉर्म भर दिया

कर्मचारियों ने उन्हें बताया कि पिछले 8 दिसंबर को कैबिनेट की बैठक में कंपनी को बंद करने का निर्णय लिया गया था। इस बाबत 17 दिसंबर को कंपनी के प्रबंध निदेशक को सूचित करते हुए आवश्यक सेवानिवृत्ति योजना लागू की गई थी। मजबूरी में कर्मचारियों ने सेवानिवृत्त के लिए फॉर्म भर दिया था । वर्तमान में 41 कर्मचारी और 23 अधिकारियों की 27 साल का सेवाकाल बचा हुआ है। ऐसे में उनका भविष्य अंधकारमय हो गया है। इसको देखते हुए इस कंपनी को बीएचईएल के हाथों सौंपने के लिए आग्रह किया गया था। जिस पर 15 अप्रैल को बीएचईएल के सीएमडी भारी उद्योग मंत्रालय के सचिव के बीच बैठक होकर 64 युवा अधिकारियों कर्मचारियों को बीएचईएल में समायोजित करने प्रस्ताव रखा गया था। 11 मई को प्रबंधन द्वारा आवश्यक सेवानिवृत्त योजना के तहत कर्मचारियों को रिलीव कर दिया जाएगा। इस खबर से कर्मचारियों में असंतोष फैल गया है। देश में चल रहे कोविड-19 की महामारी को देखते हुए कंपनी में ऑक्सीजन सिलेंडर बनाया जाना अति आवश्यक है। ऐसे में जब कर्मचारियों को सेवानिवृत्त कर दिया जाएगा तो शासन की मंशा पर ही कुठाराघात होगा। कर्मचारियों ने शासन के आदेश पर 90 फ़ीसदी आक्सीजन सिलेंडर तैयार कर लिया है,  जो लाइसेंस मिलते ही आपूर्ति कर दी जाएगी। कैबिनेट मंत्री की ओर से भारी उद्योग मंत्रालय से वार्ता कर कंपनी को बचाने का आश्वासन दिए जाने के बाद कर्मचारियों ने राहत की सांस ली है। फिलहाल कर्मचारी अपने भविष्य को लेकर काफी चिंतित है।


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