CAA Protest : बसों को नहीं मिल रहे यात्री, लखनऊ रूट की तीन गाडिय़ां रद Prayagraj News
क्षेत्रीय प्रबंधक टीकेएस बिसेन ने बताया कि आमदनी घटी है। बस ड्राइवरों को निर्देश दिए गए हैं कि रास्ते में तैनात पुलिस कर्मियों से तालमेल बनाकर चलें। पुलिसकर्मी बस रोकें तो रुक जाए।
प्रयागराज,जेएनएन । सीएए से तप रहे माहौल ने रोडवेज बसों के संचालन पर भी खासा असर डाला है। रोडवेज प्रयागराज को 24 घंटे में ही करीब 10 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। गुरुवार रात प्रयाग डिपो से लखनऊ जाने वाली तीन बसों की रवानगी रद करनी पड़ी। अगले दिन शुक्रवार को आम दिनों की अपेक्षा यात्री कम रहे। शनिवार को भी विरोध को देखते हुए यात्रा करने के लिए नहीं निकले। वैसे भी शनिवार और रविवार को अवकाश के चलते यात्री कम रहते हैं।
रोडवेज की आमदनी प्रभावित
प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून के चलते हिंसक विरोध होने और रोडवेज बसों समेत सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाए जाने की घटनाओं से लोग सहम गए हैं। बहुत जरूरी काम होने पर ही लोग बसों से यात्रा कर रहे हैं। खागा, फतेहपुर, प्रतापगढ़, वाराणसी, आजमगढ़, फैजाबाद और सुल्तानपुर सहित आसपास के अन्य जिलों के लिए बसों में यात्री पर्याप्त मिले जबकि लखनऊ रूट पर यात्री बेहद कम मिले। प्रयाग डिपो के एआरएम विवेकानंद तिवारी ने बताया कि लोड फैक्टर अमूमन 65 प्रतिशत होता है। जो गुरुवार रात तक 60 प्रतिशत हो गया था और शुक्रवार को यह 55 प्रतिशत पर आ गया। क्षेत्रीय प्रबंधक टीकेएस बिसेन ने बताया कि आमदनी घटी है। बस ड्राइवरों को निर्देश दिए गए हैं कि रास्ते में तैनात पुलिस कर्मियों से तालमेल बनाकर चलें। पुलिस कर्मी अगर बसें रोकते हैं तो जबरन आगे निकलने की कोशिश न करें।
बसों की रवानगी का रुख मोड़ा
शुक्रवार को सिविल लाइंस बस स्टेशन से ही बसों के मार्ग परिवर्तित कर दिए गए। मुख्य निकास द्वार से बसों की रवानगी रोक दी गई और उनका रुख मोड़कर पीछे के रास्ते भेजा गया। बिजली घर से भी रास्ता प्रतिबंधित होने के चलते लखनऊ रूट की बसों को नवाब यूसुफ रोड, रेलवे अस्पताल, थाना सिविल लाइंस, पत्थर गिरजा, धोबीघाट होते हुए लखनऊ की ओर भेजा गया।
अचानक खाली कराया बस स्टेशन
सिविल लाइंस बस स्टेशन शुक्रवार को अचानक खाली करा लिया गया। जिलाधिकारी के निर्देश पर क्षेत्रीय प्रबंधक टीकेएस बिसेन ने स्टेशन परिसर में खाली खड़ी बसों को कार्यशाला राजापुर भिजवा दिया। जिन बसों में कुछ यात्री बैठे थे उन्हें पूछताछ कक्ष के पीछे वाले परिसर में खड़ा कराया गया जिन्हें शाम पांच बजे के बाद गंतव्य की ओर रवाना किया गया। स्टेशन परिसर दिन में एक बजे से शाम पांच बजे तक खाली रहा।