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म्यांमार व श्रीलंका के बौद्ध अनुयायियों ने कौशांबी के ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण किया

म्यांमार व श्रीलंका के बौद्ध अनुयायियों ने कौशांबी के ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण किया। यहां से वह पूजा-अर्चन के बाद सारनाथ के लिए रवाना हो गए।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 02 Dec 2018 11:34 AM (IST)Updated: Sun, 02 Dec 2018 11:34 AM (IST)
म्यांमार व श्रीलंका के बौद्ध अनुयायियों ने कौशांबी के ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण किया
म्यांमार व श्रीलंका के बौद्ध अनुयायियों ने कौशांबी के ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण किया

प्रयागराज : कौशांबी खास के बौद्ध मंदिर में दर्शन करने और ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण करने के लिए म्यांमार व श्रीलंका से बौद्ध अनुयायियों का जत्था आया। बौद्धिष्ठों ने विधि-विधान से बुद्ध की पूजा की और अलग-अलग समय पर सारनाथ वाराणसी के लिए रवाना हो गए।

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 भगवान बुद्ध की तपोस्थली माना जाने वाला कौशांबी खास विदेशी पर्यटकों के लिए आस्था का केंद्र है। दुनिया के नक्शे में बौद्ध व जैन धर्म की कथाओं में कौशांबी के कोसम खिराज व कोसम इनाम का भी नाम शामिल हैं। आए दिन यहां बौद्ध और जैन धर्म के अनुयायी चीन, जापान, थाईलैंड, कंबोडिया, तिब्बत, श्रीलंका आदि देशों से आते रहते हैं।

 म्यांमार से 19 पर्यटकों का जत्था कौशांबी खास पहुंचा। प्राचीन बौद्ध मंदिर में वनडेश भंते गुरु ने विधि विधान से पूजा कराई। ग्रुप लीडर कौशामिया ने घोषिताराम विहार, अशोक स्तंभ के अवशेष आदि के दर्शन कराए। ग्रुप लीडर ने बताया कि 12 दिनों में यात्रा में निकले सभी अनुयायी यहां से सीधे सारनाथ वाराणसी के लिए रवाना होंगे।

 इसी तरह श्रीलंका से भी 145 अनुयायियों का जत्था दो घंटे बाद पहुंचा। ग्रुप लीडर मनोज ने उन्हें बौद्ध मंदिर और अन्य धाॢमक व ऐतिहासिक स्थल दिखाए। बौद्ध मंदिर में सुमन थेरो भिक्षु ने पूजा कराई। यह जत्था 14 दिनों की यात्रा पर निकला है।


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