Buddha Purnima 2022: यूपी के कौशांबी का घोषिताराम विहार, जहां महात्मा बुद्ध ने सत्य, अहिंसा का दिया था उपदेश
Buddha Purnima 2022 महात्मा बुद्ध का यूपी के कौशांबी जनपद में घोषिताराम विहार में सत्य अहिंसा का उपदेश देने के लिए चातुर्मास किया था। उनके लिए घोषिताराम विहार बनवाया गया था। इसका आज भी भग्नावशेष के रूप में उस समय की स्थापत्य कला के बारे में बताती है।
प्रयागराज, जेएनएन। महात्मा बुद्ध का यूपी के कौशांबी जनपद से गहरा नाता रहा है। यहां के घोषिताराम विहार में वह चातुर्मास के लिए आए थे। सत्य, अहिंसा का उपदेश देने के लिए महात्मा बुद्ध ने यहां चातुर्मास किया था। उनके लिए घोषिताराम विहार बनवाया गया था। इसका आज भी भग्नावशेष के रूप में उस समय की स्थापत्य कला के बारे में बताती है।
राजा उदयन के समय बुद्ध कौशांबी आए थे : गौतम बुद्ध कौशांबी के घोषिताराम विहार दो बार आ चुके थे। उस समय यह नगरी वैभवशाली थी, क्योंकि यहां के राजा महाराज उदयन का कार्यकाल बताया जाता है, जो 16 जनपदों में एक था। महाभारत के बाद जब हस्तिनापुर का अस्तित्व कमजोर हो गया तो वहां के अंतिम शासक निकाक्षु ने अपनी राजधानी वहां से स्थानांतरित कर कौशांबी बना ली। यहां के सबसे प्रतापी राजा महाराज उदयन हुए।
क्यों पड़ा घोषिताराम विहार नाम : राजा उदयन के राज्य में सबसे धनवान व्यापारी घोषिताराम था। वह महात्मा बुद्ध के अहिंसा के उपदेश से अभिभूत होकर उन्हें कौशांबी आने के लिए आमंत्रित किया। महात्मा बुद्ध ने यहां आकर उपदेश दिया। इसके लिए घोषिताराम ने विहार और बौद्ध भिक्षुओं को रहने के लिए भवन बनवाए, जो आज खंडहर के रूप में मौजूद है।
तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा भी कौशांबी में आकर साधना कर चुके हैं : घोषिताराम विहार तपोस्थल पर दर्शन के लिए कंबोडिया, थाईलैंड, श्रीलंका, वर्मा, नेपाल, तिब्बत आदि देशों से अनुयायी आते हैं। तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा भी कौशांबी में आकर साधना कर चुके हैं।
चीनी यात्री ह्वेनसांग व फाहियान आ चुके हैं कौशांबी : चीनी यात्री ह्वेनसांग व फाहियान भी यहां का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने अपने लेख में बुद्ध के आने की बात लिखी है। साथ ही यहां के वैभवशाली इतिहास का भी जिक्र किया है।
यहां के ईंट व भग्नावशेष को सैंधव सभ्यता से जोड़ा जाता है : यमुना नदी के किनारे सुरम्य वातावरण में यह स्थल आज भी लोगों के आकर्षक का केंद्र है। यहां की ईंटे व जो भग्नावशेष उपलब्ध हैं, उसके अनुसार इसे सैंधव सभ्यता से जोड़कर देखा जाता है।
खनन में मिले सामान प्रयागराज संग्रहालय में सुरक्षित हैं : इलाहाबाद विश्वविद्यालय के इतिहासकारों की टीम ने जब कौशांबी के क्षेत्र का उत्खनन किया तो जो घोषिताराम विहार, सुरक्षा प्राचीर और पाषाण निर्मित प्रसाद मिला। इतना ही नहीं लौह भांड व एक मुद्रा मिले। अंतिम काल के जलने का भी अनुमान लगाया गया। इसे इलाहाबाद संग्रहालय में सुरक्षित रखा गया है।
कैसे पहुंचें घोषिताराम विहार : कौशांबी जिले के मुख्यालय मंझनपुर से 40 किमी की दूरी पर घोषिताराम विहार स्थित है। यह कोसम इमाम गांव में स्थित है। मुख्यालय से आने-जाने के लिए सिर्फ प्राइवेट साधन हैं। यहां पर पर्यटन की दृष्टि से अभी तक प्रशासन ने कोई बड़ा कार्य नहीं किया है। सूबे के मुख्यमंत्री ने अभी प्रयागराज के एयरपोर्ट से कौशांबी तक के लिए फोरलेन सड़क निर्माण के लिए कहा है, जिसका सर्वे हो चुका है। इस पर मखऊपुर के सामने ससुर खदेरी नदी पर पुल भी बनाया जाएगा, जिसका निर्माण शुरू हो गया है।