समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में ब्राह्मण नेताओं ने लिया यूपी में सरकार बनाने का संकल्प
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मनोज पांडेय और सपा के वरिष्ठ नेता बब्बन दुबे का कई बार नाम लिया। दोनों अपने दर्जनों कार्यकर्ताओं के यहां पहुंचे थे। इन सभी ने अखिलेश यादव के सामने वर्ष 2022 में सरकार बनाने का संकल्प लिया
प्रयागराज, जेएनएन। इंडियन रेलवे इंप्लाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज पांडेय, पूर्व सांसद सलीम शेरवानी के करीबी विनय पांडेय समेत कई ब्राह्मण नेता सपा में शामिल हुए। मनोज पांडेय अखिल भारतीय ब्राह्मण अभ्युदय संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मनोज पांडेय और सपा के वरिष्ठ नेता बब्बन दुबे का कई बार नाम लिया। दोनों अपने दर्जनों कार्यकर्ताओं के यहां पहुंचे थे। इन सभी ने अखिलेश यादव के सामने वर्ष 2022 में सरकार बनाने का संकल्प लिया। बब्बन दुबे ने राष्ट्रीय अध्यक्ष से पार्टी में ब्राह्म्ण समाज की भागीदारी और बढ़ाने की बात कही।
जगह-जगह किया गया स्वागत
एयरपोर्ट से लेकर सरोजनी नायडू मार्ग स्थित पूर्व सांसद के आवास तक सपा प्रमुख का जगह-जगह स्वागत किया गया। इस दौरान जिलाध्यक्ष योगेश चंद्र यादव, महानगर अध्यक्ष सै. इफ्तेखार हुसैन, विनय कुशवाहा, रवींद्र यादव, डॉ. मान सिंह यादव, धर्मराज पटेल, विजमा यादव, पूजा पाल, संदीप पटेल, अनीता श्रीवास्तव, जोखूलाल यादव, मो. सारिक, कृष्णमूर्ति यादव, बृजेश यादव, दुर्गा गुप्ता, विजय वैश्य, विजय गुप्ता, वीरेंद्र कुमार उर्फ विक्की साहू, वकार अहमद, शिवांस, दान बहादुर, मो. अस्करी, सैफ फरीदी, शाहिद प्रधान आदि रहे।
एक घंटे विलंब से पहुंचे
सपा प्रमुख अखिलेश यादव को 10:35 बजे एयरपोर्ट पर आना था, लेकिन वे 11:45 बजे यहां पहुंचे। डेढ़ घंटे विलंब होने के कारण आगे के कार्यक्रम भी देर से शुरू हुए। सपा प्रमुख के साथ पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र चौधरी भी थे।
रिचा और हमजा के घर गए
सपा प्रमुख इविवि की पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष डॉ. रिचा सिंह के घर गए। पिछले दिनों उनकी मां का निधन हो गया था, जिस पर सपा प्रमुख न उनके चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद वे सपा नेता आदिल हमजा के घर गए और उनके परिवार के सदस्यों से मुलाकात की।
निषादों की आवाज सबसे पहले उठाई
बसवार और मोहब्बतगंज में पिछले दिनों निषादों के साथ हुई घटना का जिक्र करते हुए सपा प्रमुख ने कहा कि जिस दिन घटना हुई सबसे पहले सपा ने ही अत्याचार की आवाज उठाई थी। पार्टी के कार्यकर्ताओं को मौके पर भेजकर निषादों की हर संभव मदद कराई थी। वर्ष 2022 में सपा की सरकार बनने पर जिनकी नावों को तोड़ा गया है, उन्हें नई नावें दी जाएंगी।