Coronavirus Pratapgarh News : गजब: यहां तो नौ हजार 960 रुपये में खरीदा कोरोना किट
जिले के संड़वा चंद्रिका ब्लाक की ग्राम पंचायत श्रीनाथपुर पडऱी जबर चलाकपुर कुर्मियान गांव में कोरोना किट खरीदने में नौ हजार 960 रुपये खर्च कर दिया गया। इसी तरह मंगरौरा ब्लाक के सरसीखाम गांव में आठ हजार 800 रुपये में कोरोना किट की खरीद हुई है।
प्रतापगढ़,जेएनएन। शासन के नियमों को ताक पर रखकर जिले में कोरोना किट की खरीदारी हुई है। विभागीय अधिकारी भले ही इसे छुपा रहे हैं, लेकिन इसकी पोल खुलनी शुरू हो गई है। जिले के बाबा बेलखरनाथ धाम ब्लाक सहित कुछ अन्य ब्लाकों की ग्राम पंचायतों में कोरोना किट निर्धारित मूल्य से दो गुने दाम पर खरीद लिया गया है। इनके बिल जब भुगतान के लिए विभाग में पहुंचना शुरू हुए तो कोरोना किट का क्रय मूल्य देख अधिकारियों ने अपना सिर थाम लिया। अब इसकी जांच शुरू हो गई है।
कोरोना के संक्रमण से बचाव को लेकर ग्राम पंचायतों में कोरोना किट (आक्सीमीटर, थर्मल स्क्रीनिंग मशीन) खरीदा गया है। शासन से निर्देश था कि करीब तीन हजार रुपये के भीतर ही इसकी खरीदारी की जाए। जिले के संड़वा चंद्रिका ब्लाक की ग्राम पंचायत श्रीनाथपुर, पडऱी जबर, चलाकपुर कुर्मियान गांव में कोरोना किट खरीदने में नौ हजार 960 रुपये खर्च कर दिया गया। इसी तरह मंगरौरा ब्लाक के सरसीखाम गांव में आठ हजार 800 रुपये में कोरोना किट की खरीद हुई है।
कार्रवाई की जद में कई सचिव
ऐसा नहीं कि यह घपला सिर्फ संजवा चंद्रिका और मंगरौरा ब्लाक में ही हुआ है और भी कई ब्लाक क्षेत्र के गांवों में कोरोना किट खरीदने में की गई मनमानी से इन्कार नहीं किया जा सकता। पहले तो विभागीय अधिकारी इससे इन्कार करते रहे, लेकिन जब कोरोना किट की खरीदारी का अधिक बिल उनकी मेज पर आया तो अवाक रह गए। ग्राम प्रधान और सचिव अपने बचाव में इस बिल में कोरोना किट के साथ ही चूना जैसी सामग्री का बिल भी इसमें शामिल बता रहे हैं। हालांकि एक बात तो साफ है कि किट की खरीदारी में जो मनमानी हुई, अगर इसकी गहराई से जांच हुई तो यह तय है कि कई सचिव व एडीओ पंचायत कार्रवाई की जद में आ सकते हैं। पड़ोसी जिले सुल्तानपुर और गाजीपुर जैसे जिलों में ग्राम पंचायतों में मनमाने ढंग से कोरोना किट खरीदने की जांच एसआइटी द्वारा चल ही रही है।
डीपीआरओ कर रहे जांच
डीपीआरओ रविशंकर द्विवेदी ने कहा कि कोरोना किट में आक्सी मीटर, थर्मल स्क्रीनिंग मशीन के साथ ही अन्य सामग्री खरीदी गई है। इस वजह से 9960 रुपये का बिल बना है। जहां तक किट खरीददारी में मनमानी करने की बात है तो उसकी जांच एडीपीआरओ लाल चंद्र गुप्ता कर रहे हैं। अगर कोई मनमाने ढंग से किट खरीदा होगा, उसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।