तीर्थराज से अयोध्या की डगर को मनोहारी करेगी बोगनबेलिया, वायु प्रदूषण भी कम करने में होगी सहायक
प्रयागराज जिले में सोरांव चौराहे से प्रतापगढ़ के भुपियामऊ तक 35.500 किमी अयोध्या-प्रयागराज मार्ग कुंभ 2019 के पहले फोर लेन में तब्दील किया गया। इसके लिए पेड़ भी काटे गए थे। अब भरपाई हो रही है। डिवाइडर के बीच बोगनबेलिया के पौधों का रोपण किया जा रहा है।
प्रयागराज, [अमरीश मनीष शुक्ल]। आने वाले कुछ ही दिनों में तीर्थराज प्रयाग से प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या के बीच सफर करेंगे तो हाईवे के डिवाइडर पर बोगनबेलिया के फूलों का मनोहारी दृश्य आपको खूब भाएगा। इस क्रम में अब तक 35.5 किलोमीटर तक हाईवे पर इसका पौधा लगाया भी जा चुका है। लगभग 35 हजार पौधों में फूल आने शुरू हो गए हैं। दिसंबर तक सदाबहार रौनक देखते ही बनेगी। शेष हाईवे के डिवाइडर पर भी अगले कुछ माह में बोगनबेलिया के पौधे लगा दिए जाएंगे।
डिवाइडर के बीच बोगनबेलिया के रोपे जा रहे पौधे
प्रयागराज जिले में सोरांव चौराहे से प्रतापगढ़ के भुपियामऊ तक 35.500 किमी अयोध्या-प्रयागराज मार्ग (नेशनल हाईवे 96) कुंभ 2019 के पहले फोर लेन में तब्दील किया गया। इसके लिए बड़ी संख्या में पेड़ भी काटे गए थे। अब भरपाई हो रही है। डिवाइडर के बीच बोगन बेलिया के पौधों का रोपण किया जा रहा है। ऐसे समय में जब वायु प्रदूषण बढ़ रहा है इस रास्ते में तब बोगनबेलिया के पौधे धूल कण व प्रदूषण सोखेंगे ही, विशेष रासायनिक व जैविक यौगिकों की मौजूदगी से स्थानीय लोगों को हरियाली रूपी लाभ देंगे।
24 लोगों की टीम बहा रही पसीना
इस पहल के साथ ही पूर्व में जिन स्थानों पर पेड़ बचे हैैं, उनकी देखभाल भी की जाएगी। नए पौधों को बड़ा करने के लिए साफ, सफाई, खाद, पानी, गोड़ाई और पौधों की कटिंग आदि का निरंतर क्रम चलेगा। इसके लिए सुपरवाइजर के नेतृत्व में 24 लोगों की टीम पसीना बहा रही है। जीआर इंफ्रा कंपनी ने हाईवे की इस दूरी में फोर लेन का काम कराया था। इस कंपनी के लोग ही पांच साल के लिए सौंदर्यीकरण और रखरखाव, टूट फूट के निर्माण की जिम्मेदारी संभालेंगे।
इन पौधों की नियमित देखभाल होगी : अवनीश
सुपरवाइजर अवनीश मिश्र बताते हैैं कि पांच साल तक का कंपनी के पास देखभाल का दायित्व है। हम चाहते हैैं कि सड़क पर हरियाली भी दिखे। कहीं पर भी टूट फूट से लेकर सुंदरीकरण, लाइट आदि की पूरी जिम्मेदारी हमारी है। पूरी उम्मीद है कि भोपिमामऊ प्रतापगढ़ तक 35.500 किमी में डिवाइडर पर लगे बोगनबेलिया के पौधों यहां से गुजरने वालों का मन मोह लेंगे। ठंड शुरू होते ही छटा देखते ही बनी है। इन पौधों की नियमित देखभाल होगी। खास बात यह है कि यह पौधा मौसम के साथ खुद को आसानी से ढाल लेता है।
आप भी जानें बोगनवेलिया के क्या हैं फायदे
बोगनबेलिया का पौधा पर्यावरण हितैषी होने के साथ साथ कई बीमारियों के इलाज में भी कारगर माना जाता है। यह हरित गैसों की मात्रा को सोख लेता है, जिससे वायु प्रदूषण कम होता है। इसीलिए इसका प्रयोग अब हाईवे पर किया जाने लगा है। बोगनबेलिया की जड, तना, पत्ती व फूल औषधीय प्रयोग में भी लाया जाता है। भारतीय पौधों के औषधीय गुण नामक पुस्तक में दावा किया गया है कि बोगनबेलिया के प्रयोग से गले की बीमारियों में लाभ मिलता है। कफ, डायरिया, एसीडिटी, डायबटीज में भी यह गुणकारी है। इतना ही नहीं सौंदर्य-प्रसाधन में भी इसका इस्तेमाल होता है। मेवालाल इंटर कालेज के पूर्व प्रधानाचार्य राधेश्याम पांडेय इस पहल को सुखद बताते हैैं। उनका कहना है कि ऐसे दौर में जब हरियाली कम हो रही है, यह सराहनीय है।