अतिथि के नाम पर भाजपाइयों में तकरार
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : केंद्र व प्रदेश की सत्ता क्या मिली, भाजपा में नेताओं की बाढ़ सी आ
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : केंद्र व प्रदेश की सत्ता क्या मिली, भाजपा में नेताओं की बाढ़ सी आ गई है। इलाहाबाद में उपमुख्यमंत्री के साथ दो कैबिनेट मंत्री हैं। पार्टी एकता की बात करती है, लेकिन हर मंत्री के समर्थकों का धड़ा बंटा है। सांसद व विधायकों की बात करें तो उनके समर्थक भी सिर्फ उन्हीं का गुणगान करते हैं। समर्थकों का यही बंटवारा पार्टी कार्यालय के नए भवन निर्माण में रोड़ा बन रहा है। हर कार्यकर्ता अपने पसंदीदा नेता से भूमि पूजन कराना चाहता है, जिससे किसी एक नाम पर सहमति नहीं बन पा रही। इसके चलते भूमि पूजन लटका है। आपसी गतिरोध के चलते 28 अप्रैल को तारीख तय होने के बावजूद भूमि पूजन नहीं हो पाया। अब प्रदेश व काशीक्षेत्र के नेताओं से अतिथि तय करने की गुजारिश की गई है। नाम तय होने पर दो या तीन मई को भूमि पूजन होने की संभावना है।
2001 में भाजपा के तत्कालीन जिलाध्यक्ष राघवेंद्रनाथ मिश्र व वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेंद्रदेव पांडेय के प्रयास से भाजपा का सिविल लाइंस में कार्यालय एलार्ट हुआ। पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने इसमें अहम भूमिका निभाई थी। कार्यालय का भवन अत्यंत जर्जर हालत में था, जिसके बनवाने की मांग लंबे समय से चल रही थी। केंद्र में 2014 में भाजपा की सरकार बनने पर नया भवन बनाने का प्रस्ताव तैयार हुआ। केंद्रीय नेतृत्व ने भवन निर्माण के लिए एजेंसी इलाहाबाद भेजी। एजेंसी को अक्टूबर-नवंबर तक दो मंजिला भवन बनाना है। इसमें महानगर, गंगापार व यमुनापार अध्यक्ष का अलग-अलग कमरा होगा। सम्मेलन के लिए हॉल, कंप्यूटर रूम, अतिथियों के रुकने के लिए कमरे बनेंगे। भवन निर्माण से पहले भूमि पूजन होना है, जिससे उसकी तिथि बढ़ती जा रही है। भवन निर्माण प्रभारी दिलीप चौरसिया का कहना है कि भूमि पूजन के लिए अतिथि का नाम पार्टी नेतृत्व तय करेगा। वह जिससे कहेंगे हम उसी से पूजन कराएंगे।