जनरल रावत को संगमनगरी में दी गई श्रद्धांजलि, उनके आदेश पर जनता के लिए खुला था अक्षयवट
तत्कालीन रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण और तत्कालीन थल सेना अध्यक्ष बिपिन रावत 22 अगस्त 2018 को प्रयागराज आए। उन्होंने अक्षयवट का दर्शन पूजन किया। फिर सेना के अफसरों से बातचीत के बाद अक्षयवट को आम जनता के दर्शन के लिए खोलने की अनुमति दे दी।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत का असमय जाना भावुक कर गया। वह थल सेना अध्यक्ष रहते हुए प्रयागराज के लिए बड़ा काम कर गए थे। उनके आदेश से ही दशकों से आयुध भंडार किला के अंदर मौजूद अक्षय वट को खोला गया था। इस पुण्य कार्य के लिए वह कुंभ 2019 से पहले 22 अगस्त 2018 को प्रयागराज आए थे। साथ में तत्कालीन रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण भी आयी थीं और ओडी फोर्ट में बैठक किए थे। जनरल रावत समेत सभी शहीदों को संगमनगरी में श्रद्धांजलि दी गई।
अक्षयवट खोलने के लिए जागरण ने चलाया था समाचारीय अभियान
यमुना किनारे स्थित अक्षय वट दशकों से सेना के अधीन ओडी फोर्ट परिसर के अंदर है। उसे आम जनता के दर्शन के लिए खोलने की अक्सर मांग होती थी। कुंभ मेला 2019 से पहले अक्षय वट को खोलने की मांग जोर पकड़ने लगी। जन भावना को देखते हुए दैनिक जागरण की ओर से समाचारीय अभियान शुरू किया गया। इसमें जन भागीदारी बढ़ी तो प्रदेश और केंद्र सरकार ने गंभीरता से लिया। मुख्यमंत्री तक बात पहुंची तो उन्होंने अक्षय वट को आम जन के लिए खुलवाने का भरोसा दिया। फिर मामला केंद्र सरकार तक पहुंचा और प्रधानमंत्री के निर्देश पर तत्कालीन रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण और तत्कालीन थल सेना अध्यक्ष बिपिन रावत 22 अगस्त 2018 को प्रयागराज आए। उन्होंने अक्षयवट का दर्शन पूजन किया। फिर सेना के अफसरों से बातचीत के बाद अक्षयवट को आम जनता के दर्शन के लिए खोलने की अनुमति दे दी। थल सेना अध्यक्ष के निर्देश के बाद अक्षय वट के रास्ते को साफ सुथरा किया गया। अभी भी यह सेना की निगरानी में रहता है। प्रयागराज आने के दौरान जनरल बिपिन रावत ने पातालपुरी मंदिर के पुजारी रवींद्रनाथ योगेश्वर से बात की थी। पुजारी ने जनरल बिपिन रावत के निधन पर शोक व्यक्त किया। बताया कि अक्षय वट का रास्ता उनके आदेश से ही खुला था।
मिलनसार अफसर थे जनरल रावत
पूर्व यूपी एमपी सब एरिया मुख्यालय प्रयागराज में तैनात डिप्टी जीओसी ब्रिगेडियर अजय पसबोला ने बताया कि उन्हें कई बार जनरल बिपिन रावत के साथ काम करने का मौका मिला। वह बहुत ही नेकदिल अफसर थे। उनकी दूरदृष्टि और निर्णय लेने की क्षमता का हर कोई कायल था। उनका असमय जाना हर किसी को दुखी कर गया।
हेलीकाप्टर दुर्घटना के शहीदों को दी श्रद्धांजलि
प्रयागराज : तमिलनाडु में कुन्नूर के पास सेना का हेलीकाप्टर क्रैश होने से जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी सहित अन्य सैन्य अफसरों की मौत की सूचना से सभी स्तब्ध हैं। भाजपा की महानगर इकाई, यमुनापार व गंगापार इकाई के पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं ने बैठक कर शोक संवेदना जताई। इसमें महानगर अध्यक्ष गणेश केसरवानी, विभव नाथ भारती, अश्वनी द्विवेदी, विभूति नारायण सिंह, अवधेश चंद्र गुप्ता, संतोष त्रिपाठी, प्रभारी दिलीप कुमार चतुर्वेदी, अरुण कुमार सिंह आदि मौजूद रहे।
रूल ऑफ ला सोसायटी ने दी वीर सपूतों को श्रद्धांजलि
रुल आफ ला सोसायटी की कार्यकारिणी ने सीडीएस जनरल विपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका सहित नौ सपूतों की दुर्घटना में मौत पर गहरा दुख प्रकट किया और श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।
सोसायटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जस्टिस डी एस सिन्हा ने कहा कि देश ने बहादुर देश भक्त सपूत खो दिया है।
राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस शंभू नाथ श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय सेना को विश्व शक्ति के रूप में परिवर्तित करने के लिए रावत को याद किया जायेगा। संरक्षक जस्टिस सुधीर नारायण ने कहा रावत की मौत से देशको अपूरणीय क्षति हुई है। शोक प्रस्ताव संयुक्त सचिव सुधांशु श्रीवास्तव ने रखा।