DAP SCAM: बड़ा सवाल, कुछ हजार वेतन वाले कर्मचारी ने कैसे खरीद लिए कई ट्रक
पीसीएफ गोदाम में भंडार नायक संतोष का वेतन करीब 44 हजार रुपये था। महंगाई के इस दौर में इस सैलरी से परिवार की जरूरतें बमुश्किल पूरी होती हैं लेकिन संतोष के लिए वेतन कोई जरूरी नहीं था। उसके पास तो तीन गोदाम की चाबी थी
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। पांच करोड़ रुपये से ज्यादा कीमत की डीएपी (खाद) गबन कांड का आरोपित संतोष कुमार की कारगुजारी से अधिकारी और कर्मचारी स्तब्ध हैं। उसने बड़ी सफाई से ऐसे लंबे हाथ मारे कि करोड़ों रुपये जुटा लिए। अपने वेतन से कई गुना काली कमाई करके वह कई ट्रकों का मालिक बन बैठा। अब पता चला है कि कुछ हजार रुपये की तनख्वाह वाले संतोष तो कई ट्रक खरीद चुका था।
तीन गोदाम से हेराफेरी कर करता रहा काली कमाई
पीसीएफ गोदाम में भंडार नायक की संतोष की नौकरी करीब 13 साल की हो गई थी। उसका वेतन करीब 44 हजार रुपये था। महंगाई के इस दौर में इस सैलरी से परिवार की जरूरतें बमुश्किल पूरी होती हैं, लेकिन संतोष के लिए वेतन कोई जरूरी नहीं था। उसके पास तो तीन गोदाम की चाबी थी। उसके हाथ डीएपी से काले हो रहे थे। छोटे घपले, चोरी व हेराफेरी करने के बाद जुगाड़ से बचता रहा। पुलिस से लेकर विभाग के कई मजबूत पिलर उसने पकड़ रखे थे। यही वजह है कि निरीक्षण-परीक्षण उसके लिए कोई मायने नहीं रखते थे।
अपने ही ट्रक से करता था खाद की चोरी
कितने अफसर आए, चले गए, वह अपना काम बराबर करता रहा। अब विभाग के लोगों को समझ में आ रहा है कि भंडार नायक संतोष ने ट्रक क्यों खरीदे थे। दरअसल अपनी चोरी व हेराफेरी के माल को सुरक्षित ठिकाने तक पहु़चाने के लिए वाहन तो जरूरी था ही, सो खरीद डाला। अब आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा उसे जब्त करेगी। ट्रक किसके नाम हैं इसकी जांच की जा रही है।
पुलिस तैयार कर रही फाइल
पांच करोड़ छह लाख के डीएपी के गबन करने के मामले की जांच पुलिस तेजी से कर रही है। इस प्रकरण में पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। बयान समेत साक्ष्य लेकर पूरी फाइल आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा को दे देगी। आगे की जांच वहीं से होगी। सीओ सिटी अभय कुमार पांडेय का कहना है कि मुख्य रूप से तो जांच पुलिस की अपराध अनुसंधान शाखा को करनी है। उसे जांच में पूरा सहयोग किया जाएगा। आरोपित संतोष के नंबरों को सर्विलांस पर लगाकर लोकेशन का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है।