Corona virus Positive को स्वस्थ करने की डाक्टरों के सामने बड़ी चुनौती, वायरस के बदले रूप से परेशानी
कोविड अस्पताल की आइसीयू प्रभारी डा. नीलम सिंह ने बताया कि मरीज इस बार पहले की अपेक्षा ज्यादा गंभीर आ रहे हैं। कोरोना पॉजिटिव जो भी मरीज अस्पताल में भर्ती करने के लिए लाए जा रहे हैं उन्हें सांस लेने में दिक्कत महसूस हो रही है।
प्रयागराज, जेएनएन। कोविड अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमित लोगों को स्वस्थ करने की इस बार डाक्टरों के सामने जिम्मेदारी व चुनौती पहले से बड़ी है। दोबारा चली लहर मेें वायरस का स्वरूप पहले की अपेक्षा बदला हुआ बताया जा रहा है। जबकि डाक्टरों के पास दवाएं अभी पूर्व में पहचाने गए वायरस की ही है। गुजरे सप्ताह दो मरीजों की मौत ने भी यह सवाल खड़ा किया है कि कोरोना की दूसरी लहर का सामना करने के लिए स्वास्थ्य महकमा कितना तैयार है।
पिछले साल की अपेक्षा इस बार ज्यादा गंभीर आ रहे मरीज
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण से चिंतित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी पिछले दिनों निर्देश दिए थे कि अस्पतालों में जरूरी संसाधन तैयार रखे जाएं। इसके मद्देनजर लेवल थ्री कोविड अस्पताल को पिछले साल जैसे सक्रिय कर दिया गया है। लेकिन डाक्टरों के सामने मुसीबत है कि दोबारा फैले वायरस का स्वरूप पहले की अपेक्षा बदला हुआ है। इसे डाक्टर भी मान रहे हैं। जबकि मरीजों को स्वस्थ करने के लिए उनमें स्फूर्ति व जज्बा भी पहले की अपेक्षा ज्यादा है।
सांस लेने में हो रही दिक्कत
कोविड अस्पताल की आइसीयू प्रभारी डा. नीलम सिंह ने बताया कि मरीज इस बार पहले की अपेक्षा ज्यादा गंभीर आ रहे हैं। कोरोना पॉजिटिव जो भी मरीज अस्पताल में भर्ती करने के लिए लाए जा रहे हैं उन्हें सांस लेने में दिक्कत महसूस हो रही है। जबकि 2020 में लोगों की हालत इतनी गंभीर नहीं होती थी। बताया कि अब तो कई मरीजों को भर्ती करते ही बाइपेप मशीन की सुविधा देनी पड़ रही है। दो तीन लोग वेंटिलेटर पर हैं। फिलहाल दवाएं पर्याप्त हैं और कोशिश है कि सभी को जल्दी ही स्वस्थ करके घर भेजा जाएगा।