कभी संगमनगरी की शान रही Bharat Pump and Compressors Limited, करोड़ों के वर्कआर्डर के बाद भी बीपीसीएल 'आक्सीजन' पर
Bharat Pump Compressors Limited करीब पखवारे भर पहले भारत हैवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड (भेल) की टीम भी कंपनी के सर्वे के लिए आई थी। कहा जा रहा है कि भेल की सर्वे टीम ने कंपनी की देनदारी मालियत आदि का ब्योरा जुटाया है।
प्रयागराज, [राजकुमार श्रीवास्तव]। नैनी स्थित भारत पंप एंड कंप्रेशर्स लिमिटेड (बीपीसीएल) कभी संगमनगरी की शान थी। पांच दशक पुरानी इस औद्योगिक इकाई का अस्तित्व अब संकट में है। केंद्र सरकार ने इसे बंद करने का फैसला लिया है। नौ दिसंबर 2020 को यह निर्णय हुआ। करोड़ों रुपये का वर्कआर्डर मिलने के बावजूद क्लोजिंग संबंधी निर्देश से कर्मचारी हतप्रभ हैं।
वर्ष 1970 में स्थापित बीपीसीएल में उच्च श्रेणी के पंप और कंप्रेशर बनाए जाते हैं। ऑयल सेक्टर की कंपनियां इनका इस्तेमाल करती हैं। आयल सेक्टर की कंपनियों से बीपीसीएल को कुछ महीनों पहले तक वर्कआर्डर मिलते रहे। फिलहाल वर्कआर्डर पूरा करने के लिए उत्पादन किया भी जा रहा है मगर, नए वर्कआर्डर लेने बंद कर दिए गए हैं। करीब पखवारे भर पहले भारत हैवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड (भेल) की टीम भी कंपनी के सर्वे के लिए आई थी। कहा जा रहा है कि भेल की सर्वे टीम ने कंपनी की देनदारी, मालियत आदि का ब्योरा जुटाया है। मौजूदा समय में कंपनी में करीब साढ़े चार सौ कर्मचारी और अधिकारी हैं। इनमें 140 नियमित, इतने ही संविदा और 100 सेवानिवृत्त हो चुके कर्मचारी हैं। कारखाने की बंदी से एकबारगी सभी के सड़क पर आने की आशंका है।
इन कंपनियों से वर्कआर्डर के दावे
बीपीसीएल इंप्लाइज यूनियन के पूर्व महामंत्री आरएलडी दूबे कहते हैैं कि ऑयल एंड नेचुरल गैस कारपोरेशन लिमिटेड (ओएनजीसी), न्यूक्लियर पावर कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीएल) और आयल इंडिया लिमिटेड (ओआइएल) जैसे प्रतिष्ठानों से करीब 50 करोड़ रुपये के वर्कआर्डर मिले थे। क्लोजर प्रक्रिया के कारण दिसंबर से बीपीसीएल प्रबंधन ने नए वर्कआर्डर लेने बंद कर दिए हैं। तीन-चार दिन पहले ही दो-तीन ट्रेलर से पंप और कंप्रेशर भेजे गए। कंपनी के शीर्ष अफसर क्लोजर संबंधी निर्देश होने की बात स्वीकार कर रहे हैं परंतु आन द रिकार्ड टिप्पणी से बच रहे हैैं। उनका कहना है कि दिसंबर से कंपनी 'ऑक्सीजन' पर चल रही है।
सांसद रीता जोशी बोलीं, जल्द ही दिल्ली में होगी बैठक
इलाहाबाद की सांसद डा. रीता बहुगुणा जोशी ने बताया कि बीपीसीएल के क्लोजर की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। यह चलती रहे, इसके लिए हरसंभव प्रयास किया गया। अभी भी मेरी कोशिश यही है कि कर्मचारियों का नुकसान न होने पाए। कंपनी की चल-अचल संपत्ति बेचकर इसे फिर जीवित किया जाएगा। इसके लिए जल्द ही दिल्ली में बैठक होगी। प्रदेश सरकार ने भी केंद्र सरकार को पत्र लिखा है।