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बेसिक शिक्षा मंत्री बोले, दिल्‍ली के डिप्‍टी सीएम मनीष सिसौदिया से बहस के लिए यूपी के बीएसए ही काफी Prayagraj News

बेसिक शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने कहाकि सिसौदिया क्या बहस करेंगे। उनसे बहस करने के लिए तो प्रदेश के किसी जिले का बीएसएस ही काफी है। छोटे से महानगर में तो केवल 2500 विद्यालय हैं यहां तो एक लाख 60 हजार विद्यालय हैं।

By Rajneesh MishraEdited By: Published: Wed, 23 Dec 2020 05:23 PM (IST)Updated: Wed, 23 Dec 2020 05:23 PM (IST)
बेसिक शिक्षा मंत्री बोले, दिल्‍ली के डिप्‍टी सीएम मनीष सिसौदिया से बहस के लिए यूपी के बीएसए ही काफी  Prayagraj News
यूपी के बेसिक शिक्षामंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सतीश चंद्र द्विवेदी यूपीआरटीओयू में राष्‍ट्रीय संगोष्‍ठी में शिरकत करने प्रयागराज पहुंचे थे।

प्रयागराज,जेएनएन। आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया और उत्तर प्रदेश के किसी जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) से खुली बहस कराएंगे। ऐसा इसलिए कि दिल्ली में तो कुल 2500 विद्यालय हैं। यहां तो एक जिले में 2500 विद्यालय है। इस लिहाज से सिसौदिया के साथ बहस करने को बीएसए ही काफी है। यह बातें उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सतीश चंद्र द्विवेदी ने बुधवार को दैनिक जागरण से बातचीत के दौरान कही।

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यूपीआरटीओयू में आया‍ेजित राष्‍ट्रीय संगोष्‍ठी में शामिल होने पहुंचे थे

वह उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय में अटल जन्मोत्सव सप्ताह के तहत आयोजित 'लोकतांत्रिक मूल्य और भारतीय राजनीति' विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करने पहुंचे थे। सिसौदिया ने दो दिन पहले उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री एवं प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह को शिक्षा की स्थिति और दिल्ली के केजरीवाल मॉडल बनाम योगी के उत्तर प्रदेश मॉडल पर बहस की चुनौती दी थी। इसके बाद मंगलवार को वह लखनऊ भी पहुंच गए।

यूपी के एक जिले में 2500 विदयालय, लिहाजा सिसौदिया से बहस के लिए बीएसए ही काफी

इसके जवाब में बेसिक शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने कहाकि सिसौदिया क्या बहस करेंगे। उनसे बहस करने के लिए तो प्रदेश के किसी जिले का बीएसएस ही काफी है। छोटे से महानगर में तो केवल 2500 विद्यालय हैं, यहां तो एक लाख 60 हजार विद्यालय हैं। सिसौदिया को लखनऊ में रोके जाने के आरोप को भी उन्होंने सिरे से खारिज कर दिया। कहाकि यहां बेधड़क कोई मंत्री आता है और सवाल करता है। चुनौती देता है और आलोचना करता है फिर बिना किसी बाधा के वापस भी चला जाता है। अब इससे अधिक कैसी आजादी चाहिए। इसके अलावा उन्होंने उत्तर प्रदेश में शिक्षकों के जनपदीय तबादले की प्रक्रिया भी जल्द शुरू करने के संकेत दिए।


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