ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएगी बैंक सखी Prayagraj News
गांवों में महिलाओं राष्ट्रीय आजीविका मिशन की जानकारी देकर समूहों का गठन कराएंगी। कहा कि 10 से 15 महिलाओं का समूह बनेगा।
प्रयागराज, जेएनएन। महिला सशक्तिकरण के तहत ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं की आर्थिक स्थिति सुधार कर आत्मनिर्भर बनाने के लिए राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं का समूह गठित करने की जिम्मेंदारी बैंक सखी को दी गई है। शासन के निर्देश के मुताबिक जल्द ही ग्राम पंचायतों में बैंक सखी की नियुक्ति की जाएगी। इसके बाद वह बेरोजगार महिलाओं का चयन कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाएंगी।
10 से 15 महिलाओं का समूह बनेगा
राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत बेरोजगार महिलाओं का समूह गठित कराकर उन्हें स्वरोजगार से जोडऩे के लिए सरकार प्रयासरत है। प्रभारी बीडीओ प्रखर उत्तम ने बताया कि विकास खंड क्षेत्र की 84 ग्राम पंचायतों में बैंक सखी की नियुक्ति की जाएगी। जो गांवों में महिलाओं राष्ट्रीय आजीविका मिशन की जानकारी देकर समूहों का गठन कराएंगी। कहा कि 10 से 15 महिलाओं का समूह बनेगा। समूह के सदस्यों को हर महीने बचत की रकम बैंक खाते में जमा करना होता है। तीन माह तक पैसा जमा करने के बाद सरकारी अनुदान का पैसा समूह के खाते मे भेजा जाता है। साथ ही बैंक से ऋण दिलाकर उन्हें स्वरोजगार से जोड़ेंगी। फिर महिलाएं हर माह हजारों रुपये कमा कर परिवार का खर्च उठा सकेंगी। महिलाओं का समूह गठित कर उन्हें मजबूत करने के लिए नियुक्त बैंक सखी को सरकार द्वारा चार हजार का मानदेय दिया जाएगा।
एक समूह में कम से कम 10 महिलाएं
महिला स्वयं सहायता समूह का गठन बीपीएल वालों के बीच किया जाता है। समूह में कम से कम दस और अधिकतम 20 महिलाएं रहेंगी। इनके बीच से एक अध्यक्ष, एक सचिव, एक कोषाध्यक्ष चुनी जाती है। पहले चरण में 10 हजार का ऋण डीएनयूएलएम से समूह संचालन के लिए 10 हजार दिया जाता है। इससे वे स्वरोजगार शुरू करती हैं। उसमें प्रदर्शन बेहतर रहने पर उन्हें बैंक से लिंकअप कराया जाता और फिर बैंक से ऋण दिलाया जाता है। बैंक से अधिकतम 10 लाख तक का ऋण समूह को दिया जा सकता है।