Move to Jagran APP

बैंक ऑफ इंडिया के करेंसी चेस्ट से सवा चार करोड़ रकम उड़ाने का खेल Prayagraj News

बैंक ऑफ इंडिया की सुलेमसरांय शाखा में बड़ा खेल ऑडिट के बाद पकड़ में आया है। यहां के करेंसी मास्टर ने कई साल चोरी का खेल चलाया। और रुपये भी सवा चार करोड़ रुपये हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 08 Jul 2019 11:12 AM (IST)Updated: Mon, 08 Jul 2019 11:12 AM (IST)
बैंक ऑफ इंडिया के करेंसी चेस्ट से सवा चार करोड़ रकम उड़ाने का खेल Prayagraj News
बैंक ऑफ इंडिया के करेंसी चेस्ट से सवा चार करोड़ रकम उड़ाने का खेल Prayagraj News
प्रयागराज, जेएनएन। बैंक ऑफ इंडिया की सुलेमसरांय शाखा से चार करोड़ 25 लाख रुपये चोरी के मामले की पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। करेंसी चेस्ट से रकम उड़ाने का यह मामला कई सालों से चल रहा। करेंसी चेस्ट अधिकारी (करेंसी मास्टर) करोड़ों की रकम निकाल उसे ब्याज पर चलवाकर लाखों कमाते रहे। रुपये निकाले और रखे जाते रहे। ब्याज की रकम बंटती रही। एक साथ चार करोड़ की रकम कम हुई तो मामला पकड़ में आ गया। ऐसे में बैंक अफसर को कबूल करना पड़ा कि उसने यह घपला, घोटाला और चोरी को अंजाम दिया है। 
 ऑडिट रिपोर्ट में हुआ खुलासा तो शुरू हुई जांच
आडिट रिपोर्ट हासिल होने के बाद बैंक अधिकारियों ने आरोपित करेंसी चेस्ट अधिकारी वशिष्ट कुमार राम से कई बार पूछताछ की। वह घुमाता रहा कि रुपये ग्रामीण बैंक में ट्रांसफर हुए हैं। वहां तक जांच हुई। अंत में उसने कबूल कर लिया कि उसने रकम चोरी कर धंधे में लगाई है। 
 
शाखा प्रबंधक ने थाने में दी तहरीर में आरोपितों का नाम तक पता नहीं
शाखा प्रबंधक ने धूमनगंज थाने में जो तहरीर दी है कि उसमें बैंक अधिकारी वशिष्ठ कुमार राम का पता तक नहीं है। आरोपित पिता-पुत्र एसके मिश्र और संजू मिश्र का पता ठिकाना भी बैंक वालों को नहीं मालूम। तीनों पर मुकदमा अज्ञात में दर्ज हुआ है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि गबन, चोरी का यह मामला कई सालों के भीतर चला। रकम निकाली और रखी गई। अब बैंक का पूरा रिकार्ड खंगालने के बाद ही सही तस्वीर सामने आ सकेगी। 
 
एजेंसी के कस्टोडियन भी कर चके हैं यह करतूत
बैंक की रकम उड़ाने, उसे अपने धंधे में लगाने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी प्रयागराज में दो बड़े मामले सामने आए थे। एटीएम में रुपये लोड करने वाली कंपनी के तीन कस्टोडियनों ने इस खेल को खेला था। मिलीभगत से कस्टोडियन मशीन में रुपये कम लोड करते थे। शेष रकम से वह सट्टा और जुआ खेल जाते थे। सिविल लाइंस में मुकदमा दर्ज होने के बाद चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इसी प्रकार सिविल लाइंस स्थित एक प्राइवेट बैंक के अधिकारी ने फर्जी चेकों के जरिए 27 लाख रुपये उड़ाए थे। वह फर्जी तरीके से चेकबुक इशु कराके दूसरों के खातों से रुपये निकाल लेता था।
 

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.