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यूपीपीएससी बवाल में छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष ऋचा सिंह को मिली जमानत

विश्वविद्यालय की पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष ऋचा सिंह की आज जिला कचहरी से जमानत हो गई। पुलिस के भेदभाव रवैये को कोर्ट ने स्वीकार कर उन्हें जमानत दी गई।

By Nawal MishraEdited By: Published: Fri, 22 Jun 2018 06:37 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jun 2018 10:15 PM (IST)
यूपीपीएससी बवाल में छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष ऋचा सिंह को मिली जमानत
यूपीपीएससी बवाल में छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष ऋचा सिंह को मिली जमानत

इलाहाबाद (जेएनएन)। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष ऋचा सिंह की जमानत अर्जी प्रभारी सेशन जज सुरेंद्र कुमार सिंह ने शुक्रवार को मंजूर कर ली। उन्हें 30 हजार रुपये की दो जमानत व इतनी ही धनराशि का मुचलका पेश करने पर रिहा करने का आदेश दिया। देर शाम ऋचा सिंह नैनी सेंट्रल जेल से रिहा भी कर दी गईं। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की पीसीएस मेंस-2017 परीक्षा का पेपर रद किए जाने के बाद बवाल में बुधवार शाम छात्रसंघ पूर्व अध्यक्ष ऋचा सिंह को गिरफ्तार कर नैनी सेंट्रल जेल भेजा गया था। हालांकि ऋचा के साथ हिरासत में लीं गईं तीन छात्राओं और चार अभ्यर्थियों को थाने से मुचलके पर छोड़ दिया गया। सुबह सभी की गिरफ्तारी दर्शायी गई थी।

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पीसीएस अभ्यर्थियों का बवाल

पीसीएस -17 मेंस का पेपर रद होने के बाद अभ्यर्थियों ने बीते मंगलवार को जमकर बवाल किया था। लोकसेवा आयोग चौराहे पर जाम के दौरान बस फूंक दी गई थी। इस दौरान पुलिस ने ऋचा सिंह समेत आठ लोगों को हिरासत में ले लिया था। अगले दिन पुलिस ने विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। ऋचा के साथ पकड़े गए लोगों को थाने से ही मुचलके पर छोड़ दिया गया जबकि ऋचा सिंह को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। वहां से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था। शुक्रवार को ऋचा सिंह की तरफ से जमानत अर्जी पेश की गई। इस पर कई वकीलों ने उनकी पैरवी की। प्रभारी सेशन जज ने बचाव पक्ष के तर्कों से सहमत होने पर जमानत अर्जी मंजूर कर ली। नैनी सेंट्रल जेल में देर शाम परवाना भी पहुंचा दिया गया। इसके बाद पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष की रिहाई भी हो गई। रिहाई के समय जेल के बाहर बड़ी संख्या में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता भी मौजूद थे।

क्या था मामला

मंगलवार को लोकसेवा आयोग चौराहे पर जाम के दौरान पथराव और आगजनी की गई थी। पुलिस ने मौके से ऋचा सिंह समेत सात लोगों को हिरासत में लिया था। ऋचा सिंह और तीन छात्राओं को पहले महिला थाने और फिर आशा ज्योति केंद्र में रखा गया जबकि अन्य अभ्यार्थियों को सिविल लाइंस थाने में। बुधवार सुबह ऋचा व अन्य पर मुकदमा दर्ज होने की खबर पाकर सपा नेता पहुंच गए। सीओ सिविल लाइंस के मुताबिक, चौकी प्रभारी लोकसेवा आयोग सुभाष चौधरी की तहरीर पर केस दर्ज हुआ है। प्रतिमा शुक्ला, दिव्या गुप्ता और प्रतिमा समेत चार अभ्यर्थियों को थाने से जमानत दी गई थी। इन्हें परीक्षा देनी थी। ऋचा सिंह को जेल भेजे जाने से पहले कई सपाइयों ने महिला थाने पहुंचकर हंगामे की कोशिश की। अधिवक्ता ने जमानत अर्जी पेश की लेकिन कोर्ट ने खारिज कर दी थी। 

सीएम के विरोध पर जेल

नैनी सेंट्रल जेल भेजे जाने से पहले ऋचा सिंह ने कहा कि जिन धारा में उन्हें जेल भेजा जा रहा है, उसी धाराओं में दूसरे लोगों को जमानत दे दी गई। उन्होंने बतौर छात्रसंघ अध्यक्ष विवि में योगी आदित्यनाथ का विरोध किया था, इसलिए उनके खिलाफ ऐसी कार्रवाई की गई। ऋचा ने जेल से छूटने के बाद आंदोलन का भी एलान किया।


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