कुंभ नगर : योग गुरु स्वामी रामदेव ने अभी तक किसी हिंदू धर्मगुरु को भारत रत्न न मिलने पर खुलकर नाराजगी जताई। कुंभ मेला क्षेत्र में प्रवास कर रहे स्वामी रामदेव ने पत्रकारों से कहा कि हम हिंदू हैैं, इसलिए उपेक्षित किए जा रहे हैं। सामाजिक, राजनीतिक, खेल, फिल्म के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को सरकार भारत रत्न दे रही है, उसमें उनका कोई विरोध नहीं है लेकिन, क्या क्रिकेटर सचिन, लता मंगेशकर, नाना जी देशमुख, प्रणब मुखर्जी सहित भारत रत्न पाने वाली दूसरी विभूतियों से कम योगदान स्वामी विवेकानंद, महर्षि दयानंद सरस्वती का है।
सरकार एक साधु को ही दे देती प्रतीकात्मक रूप से सम्मान
मदर टेरेसा से ज्यादा सेवा शिवकुमार स्वामी और दिव्य प्रेम सेवा मिशन के आशीष गौतम कर रहे हैं लेकिन, वह ईसाई थीं, इसलिए उन्हें पुरस्कार मिल गया। हम हिंदू हैैं, साधु हैं इसलिए अनदेखा किया जाता है। बोले, हम हिंदू व साधु हैं तो क्या डूब मरें? सवालिया लहजे में कहा कि क्या गुरु गोविंद सिंह भारत रत्न के योग्य नहीं हैं।
बोले रामदेव, राम मंदिर बनना ही चाहिए
सरकार कम से कम एक-दो साधु को प्रतीकात्मक रूप से सम्मान दे देती। श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में मंदिर निर्माण के प्रश्न पर कहा कि राम मंदिर बनना ही चाहिए। उसके लिए सरकार भूमि का अधिग्रहण करके ङ्क्षहदुओं को सौंप दे। इससे मंदिर आसानी से बन जाएगा।
काला धन का मुद्दा मोदी पर छोड़ा
योग गुरु ने कहा कि दो से ज्यादा संतान पैदा करने वालों को वोट के अधिकार से वंचित किया जाए। कालाधन के मुद्दे पर बोले कि यह मामला हम मोदी जी पर छोड़ चुके हैं। मोदी जी अभी काला मन ठीक कर रहे हैं। इसके बाद कालाधन पर काम करेंगे। हमने यह मुद्दा छोड़ा नहीं है।
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