Move to Jagran APP

ओमिक्रोन पर आयुर्वेद के उपाय होंगे प्रभावी, इनके प्रयोग से बढ़ेगी शरीर की इम्यूनिटी

ओमिक्रोन की वजह से देश में जल्द तीसरी लहर आने की संभावना जताई जा रही है। इसके दृष्टिगत विश्व आयुर्वेद मिशन द्वारा शुक्रवार को ‘कोरोना की संभावित लहर का प्रतिषेध-आयुर्वेद दृष्टिकोण’ विषय पर आनलाइन स्वास्थ्य परिचर्चा आयोजित की गई।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Sat, 11 Dec 2021 08:40 AM (IST)Updated: Sat, 11 Dec 2021 08:41 AM (IST)
ओमिक्रोन पर आयुर्वेद के उपाय होंगे प्रभावी, इनके प्रयोग से बढ़ेगी शरीर की इम्यूनिटी
कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए लोग बरतें सावधानी

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस के नए वैरियंट ओमिक्रोन की वजह से तीसरी लहर आने की संभावना जताई जा रही है। इसके दृष्टिगत विश्व आयुर्वेद मिशन द्वारा शुक्रवार को ‘कोरोना की संभावित लहर का प्रतिषेध-आयुर्वेद दृष्टिकोण’ विषय पर आनलाइन स्वास्थ्य परिचर्चा आयोजित की गई। इसमें देश के शीर्ष आयुर्वेद संस्थानों के विशेषज्ञों ने कोरोना से बचाव के उपाय बताए। दावा किया कि ओमिक्रोन पर आयुर्वेद के उपाय प्रभावी होंगे। लोगों की इम्यूनिटी भी बढ़ेगी।

loksabha election banner

सकारात्मक सोच रखते हुए भावी संकट से सावधान रहना होगा

विश्व आयुर्वेद मिशन के अध्यक्ष प्रो. जी एस तोमर ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर की विभीषिका सभी झेल चुके है। ऐसी स्थिति फिर से न बने, इसके लिए सभी को बेहद सतर्क रहना होगा। खान-पान और उचित दिनचर्या का पालन करना होगा। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के आयुर्वेद संकाय के डीन प्रो. केएन द्विवेदी ने कहा कि हमें मानसिक तौर पर सकारात्मक सोच रखते हुए भावी संकट से सावधान रहना होगा। मानसिक कुपोषण से अवसाद, मैनिया, डिप्रेशन जैसी समस्या उत्पन्न होने से कोरोना महामारी से लड़ने के बजाय लोग हार मान लेते हैं। आयुर्वेद में ओज एवं इम्म्युनिटी को बढ़ाने के लिए रसायन चिकित्सा के साथ योग एवं ध्यान के द्वारा मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखा जा सकता है।

आयुर्वेद करता है शरीर को लड़ने के लिए तैयार

अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान, नई दिल्ली की निदेशक प्रो. तनुजा नेसरी ने कहा कि आयुर्वेद किसी भी रोग का उपचार करने के बजाय शरीर को उससे लड़ने के लिए मजबूत और प्रभावी बनाने का काम करता है, ताकि रोग का शरीर पर कोई प्रभाव ही न पड़े। यह शरीर को इतनी शक्ति देता है कि कोई भी वायरस अथवा बैक्टीरिया इस पर असर डाले बिना निकल जाए। गुजरात आयुर्वेद विश्वविद्यालय जामनगर के कुलपति प्रो. अनूप ठाकर ने कहा कि लोग गिलोय, आयुष काढ़ा, अश्वगंधा, मुलेठी, काली मिर्च, अदरक,दालचीनी, हल्दी जैसी चीजों का प्रयोग अब भी करें तो अच्छा होगा। कार्यक्रम का संचालन आयुर्वेद चिकित्साधिकारी एवं विश्व आयुर्वेद मिशन के प्रदेश सचिव डा.अवनीश पांडेय ने किया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.