Ayodhya Shriram Mandir : प्रयागराज से ले जाया जाएगा तीर्थराज का जल और मिट्टी, विहिप की बन रही कार्ययोजना
Ayodhya Shriram Mandir श्रीराम मंदिर निर्माण को होने वाले भूमि पूजन में प्रयागराज संगम के पवित्र जल और मिट्टी का भी प्रयोग होगा। इसकी तैयारी विहिप कार्यकर्ता कर रहे हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। अयोध्या स्थित श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन की तिथि तय हो चुकी है। इससे प्रयागराज में भी संत समाज आह्लादित है। वर्षों तक मंदिर के लिए आंदोलन चलाने वाले संगठन, विश्व हिंदू परिषद से जुड़े कार्यकर्ता भूमि पूजन की तिथि पांच अगस्त को खास अंदाज में मनाने तैयारी में लग गए हैं। भूमि पूजन में तीर्थराज संगम का जल और मिट्टïी भी प्रयुक्त होगी।
कोरोना संक्रमण से प्रयागराज के संत समाज की सहभागिता नहीं हो सकेगी
श्री रामजन्म भूमि आंदोलन में प्रयागराज की भूमिका अहम रही है। यहीं से विभिन्न चरणों की रणनीति तय होती थी। संगम तट पर माघ मेले, कुंभ के दौरान कई धर्म संसद हुईं। स्व. अशोक सिंहल ने अपने जीवन काल में विश्व हिंदू परिषद के महामंत्री और अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में आंदोलन को निर्णायक मोड़ तक पहुंचाया था। ऐसे में संगठन से जुड़े लोगों में उत्साह स्वाभाविक है। पूजन समारोह में प्रयाग के संत समाज की सहभागिता कोरोना संक्रमण को देखते हुए वैसी नहीं हो पाएगी, जैसी सामान्य दिनों में होती।
विहिप के मीडिया प्रभारी ने यह कहा
विश्व हिंदू परिषद के मीडिया प्रभारी अश्वनी मिश्र ने बताया कि तीर्थराज प्रयाग से जल और मिट्टी पूजन के लिए भेजी जाएगी। अभी यह नहीं तय हो सका है कि प्रयागराज से संगम का जल और मिट्टी लेकर कौन जाएगा। जल्द ही बैठक कर कार्ययोजना तैयार की जाएगी।
सभी मंदिरों में होगी आरती
मंदिर निर्माण के लिए होने वाले भूमि पूजन के दिन काशी प्रांत की तरफ से आह्वान किया गया है कि सभी मंदिरों में आरती की जाए। विहिप के गोरक्षा आयाम के प्रांत मंत्री लालमणि तिवारी ने बताया कि हम अपने घरों में घी के दीपक जलाएंगे। यह दिन हमारे लिए अत्याधिक प्रसन्नता वाला होगा।
सपना अब साकार होने को है
विहिप के प्रांत सहमंत्री लाल प्रताप सिंह बिसेन कहते हैैं कि जो सपना देखा था वह अब साकार होने को है। कोरोना काल न होता तो तमाम लोग अयोध्या जाते पर अभी संयम जरूरी है। हम घरों में ही रहेंगे। उस दिन सुंदरकांड का पाठ कर स्वयं को आयोजन में सहभागी मानेंगे।