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Ayodhya Ram Mandir : कंक्रीट और पत्थरों से होगा श्रीराम मंदिर का निर्माण, फौलाद जैसा होगा मजबूत

Ayodhya Ram Mandir आप भी जान लें कि अयोध्‍या में बनने वाले श्रीराम मंदिर में लोहा यानी सरिया का इस्तेमाल बिल्‍कुल नहीं होगा। हालांकि फिर भी मंदिर लोहे जैसा मजबूत बनेगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव एवं विहिंप के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपतराय ने प्रयागराज आगमन पर दी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 03 Oct 2020 08:03 AM (IST)Updated: Sat, 03 Oct 2020 08:03 AM (IST)
Ayodhya Ram Mandir : कंक्रीट और पत्थरों से होगा श्रीराम मंदिर का निर्माण, फौलाद जैसा होगा मजबूत
अयोध्‍या के श्रीराम मंदिर में लोहा यानी सरिया का इस्तेमाल बिल्‍कुल नहीं होगा।

प्रयागराज, जेएनएन। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर बनने वाले मंदिर की शोभा निराली होगी। मंदिर का निर्माण कंक्रीट और पत्‍थरों से होगा, जो अपनी भव्‍यता को प्रदर्शित करेगा। किसी भी चरण में लोहा यानी सरिया का प्रयोग नहीं होगा। इसकी वजह यह कि लोहे में जंग लग जाता है। इससे भवन की आयु कम हो जाती है। मंदिर निर्माण के लिए कुल 1200 पिलर बनेंगे।

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श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताई विशेषता

यह जानकारी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव एवं विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपतराय ने दी। उन्होंने बताया कि अभी पाइलिंग का काम चल रहा है। परीक्षण के लिए सिर्फ दो जगहों पर पाइलिंग कराई गई है। एक महीने बाद उसकी मजबूती जांची जाएगी। सब ठीक रहा तो आगे की प्रक्रिया शुरू होगी। मंदिर निर्माण के लिए कुल 1200 पिलर बनेंगे। इन पिलर के निर्माण के लिए जो पाइलिंग की गई है वह एक मीटर घेरे की है। पिलर की गहराई भी 100 फिट रहेगी। इसके बाद पांच फिट मोटा कंक्रीट का प्लेटफार्म बनाया जाएगा। उसके ऊपर पत्थर से निर्माण होगा। उसकी ऊंचाई साढ़े सोलह फिट रहेगी। 

मंदिर के गर्भ गृह में कोई बदलाव नहीं

पांच अगस्त को जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिला पूजन किया था, वही मंदिर का गर्भ गृह पहले भी था और अब भी है। उस स्थान में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। पहले मंदिर ट्रस्ट के पास सिर्फ 1500 वर्ग गज जमीन थी। पूर्व में निर्धारित मंदिर का डिजाइन उसी जमीन के अनुसार था। अब उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद 70 एकड़ जमीन मिल गई है। इसे देखते हुए मंदिर के डिजाइन में मामूली बदलाव किया गया है लेकिन मूल स्वरूप उसी तरह दिखेगा। अब मंदिर तीन एकड़ में बनेगा। लंबाई में एक गुंबद बढ़ा दिया गया है जब कि दो गुंबद अगल बगल बढ़ाए गए हैं।

रामेश्वरम और जगन्नाथपुरी की तर्ज पर बनेगा परकोटा

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव ने बताया कि अयोध्या में बनने वाले श्री राम के मंदिर में परकोटा ठीक उसी तरह बनेगा जैसा रामेश्वरम और जगन्नाथपुरी में है। श्रद्धालुओं की परिक्रमा के लिए भी चौड़ा स्थान रहेगा। पहले चरण अर्थात तीन वर्ष में मंदिर का मुख्य भवन, परिक्रमा और परकोटा का ही निर्माण कराया जाएगा।

मजबूती के लिए हो रहा परीक्षण

विहिप उपाध्यक्ष चंपत राय ने बताया कि मंदिर मजबूत रहे और भूकंप आदि का भी असर न पड़े उसके लिए अभी परीक्षण चल रहा है। निर्माण कराने वाली कंपनी लारसन एंड टुब्रो आइआइटी चेन्नई व सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट रुड़की के साथ काम कर रही है। निर्माण विशेषज्ञ इस बात पर मंथन कर रहे हैं कि सीमेंट के साथ राख व अभ्रक किस अनुपात में मिलाएं कि मजबूती अधिक रहे।


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