Covid-19 संक्रमण के साथ ही जागरूकता भी बढ़ी, शहर से लेकर गांवों तक लोग घरों में सुरक्षित रहना पसंद कर रहे
ग्रामीण इलाकों की बाजारों गांव के मुख्य द्वारों बगीचे में होने वाली बैठकबाजी पर भी कोरोना के कारण अंकुश लग गया है। गांवों की चाय-पान की दुकानों पर अब वह भीड़ नजर नहीं आती जो पहले दिखाई पड़ती थी। लोग यहां बैठकबाजी कर चर्चा भी करते नजर नहीं आते
प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर लोग जागरूक हो गए हैं। यह जागरूकता शहर से लेकर गांवों तक नजर आ रही है। कोरोना से बचने के लिए ग्रामीण भी अपने-अपने गांवों से बाहर निकलने में परहेज कर रहे हैं। बहुत जरूरी काम होने पर ही वे बाजार तक जाते हैं, अन्यथा वे गांव से बाहर नहीं निकल रहे हैं। यही नहीं नाते-रिश्तेदारों के यहां भी नहीं जा रहे हैं। अपने यहां भी किसी को बुलाने की बात नहीं कर रहे हैं। या यूं कहे कि कोरोना के बढ़ते मामले को लेकर ग्रामीण यह समझ गए हैं कि अभी अपने घर में ही रहना सुरक्षित है।
बैठकबाजी पर भी लग गया अंकुश
ग्रामीण इलाकों की बाजारों, गांव के मुख्य द्वारों, बगीचे में होने वाली बैठकबाजी पर भी अंकुश लग गया है। गांवों की चाय-पान की दुकानों पर अब वह भीड़ नजर नहीं आती, जो पहले दिखाई पड़ती थी। लोग यहां बैठकबाजी कर चर्चा भी करते नजर नहीं आते, जबकि अभी कुछ दिन पहले ही पंचायत चुनाव के लिए मतदान हुआ था और दो मई को परिणाम आना है।
शादी-विवाह से बना ली है दूरी
नाते-रिश्तेदार और परिचितों की शादी में हर हाल में शामिल होने वाले ग्रामीण अब इससे दूरी बनाते हुए नजर आते हैं। बहुत जरूरी शादी में ही वे शामिल हो रहे हैं, लेकिन चंद मिनटों के लिए। वहां अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर वे लौट आते हैं। साथ ही बच्चों को साथ ले जाने में परहेज कर रहे हैं। शादी विवाह में जब वे शामिल हो रहे हैं तो बकायदा मास्क लगाने के साथ ही फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करते हैं। यही नहीं जो लोग मास्क लगाए नहीं नजर आते, उनको टोकते भी हैं।