छात्रसंघ पदाधिकारियों ने जस्टिस अरुण टंडन को लिखा पत्र
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ पदाधिकारियों और वर्तमान पदाधिकारियों ने जस्टिस अरुण टंडन को पत्र लिखा है। इसमें कुलपति हांगलू के प्रकरण को लेकर बनी जांच कमेटी पर सवाल खड़ा किया है।
जासं, इलाहाबाद : इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ पदाधिकारियों, वर्तमान पदाधिकारियों एवं छात्रनेताओं ने कुलपति प्रो. रतन लाल हांगलू के प्रकरण को लेकर कार्यवाहक कुलपति द्वारा बनाई गई जांच कमेटी की वैधानिकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। छात्रसंघ पदाधिकारियों ने कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस अरुण टंडन को पत्र लिखकर पूरे प्रकरण की जानकारी दी है। साथ ही उनसे अनुरोध किया कि वह खत्री पाठशाला सोसायटी द्वारा संचालित इविवि के संघटक महाविद्यालय एसएस खन्ना गर्ल्स डिग्री कॉलेज से जुड़े हैं, जोकि इविवि के वीसी प्रो. आरएल हांगलू के कार्यक्षेत्र का महाविद्यालय है। ऐसे में जांच कमेटी की अध्यक्षता को स्वीकार नहीं करना चाहिए।
पत्र में कहा है कि जब एमएचआरडी ने पूरे मामले पर रिपोर्ट मांगी है और वह स्वयं जांच कर रहा है तो विवि के अस्थाई कुलपति द्वारा स्थाई कुलपति पर लगे गंभीर आरोपों की जांच के लिए कमेटी का गठन करना कहां तक उचित है? इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस अरुण टंडन को लिखे पत्र में छात्रनेताओं ने कहा है कि अस्थाई कुलपति प्रो. केएस मिश्र की वरिष्ठता उच्चतम न्यायालय द्वारा अवैध घोषित की जा चुकी है। बावजूद इसके वह स्थाई कुलपति प्रो. हांगलू की वजह से कार्यवाहक कुलपति हैं। ऐसे में पत्र में अपेक्षा की गई है कि तथ्यों व परिस्थितियों पर विचार करते हुए जांच कमेटी की अध्यक्षता को स्वीकृति प्रदान न करें। पत्र लिखने वालों में पूर्व अध्यक्ष ऋचा सिंह, पूर्व अध्यक्ष रोहित मिश्रा, पूर्व अध्यक्ष अवनीश यादव, निवर्तमान महामंत्री निर्भय द्विवेदी, रजनीश सिंह ऋशु, आनंद सिंह निक्कू शामिल हैं।
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छात्रसंघ पदाधिकारियों ने की बैठक
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के जेके मेहता पार्क में छात्रसंघ पदाधिकारियों, छात्रनेताओं और छात्रों की बैठक में आगे की रणनीति तय की गई। इसमें कुलपति के बचाव में गठित जांच कमेटी का बहिष्कार व उसके सभी पहलुओं पर चर्चा हुई। पूर्व अध्यक्ष रोहित मिश्र ने कहा कि यह आंदोलन कुलपति के इस्तीफे या बर्खास्तगी के साथ ही खत्म होगा। उधर, महिला छात्रावास में कैम्पेन की जिम्मेदारी प्रियंका सिंह को दी गई है।
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'मुझे इलाहाबाद विश्वविद्यालय की ओर से कोई पत्र जांच कमेटी के संबंध में नहीं मिला है। पत्र मिले तब कोई निर्णय लिया जाएगा। अभी इस संबंध में कुछ भी बोलना जल्दबाजी होगी।'
न्यायमूर्ति अरुण टंडन, (सेवानिवृत्त) इलाहाबाद हाईकोर्ट।